छठे चरण में यूपी में सपा और भाजपा के बीच ही रही आमने-सामने की लड़ाई, ढहता दिखा बसपा का मजबूत किला

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छठवें चरण की 14 लोकसभा सीटों पर शनिवार को सपा-भाजपा में सीधी टक्कर देखने को मिली। कमोबेश हर सीट पर दलित मतदाताओं में बिखराव दिखा। बसपा अपने कोर वोटबैंक को ही सहेजे रखने की चुनौती से जूझती दिखी। देशव्यापी मुद्दों और राजनीतिक दलों की घोषणा के अलावा स्थानीय समीकरण भी कई सीटों पर असर डालते नजर आए। बसपा के मुख्य लड़ाई में स्थान नहीं बना पाने से ज्यादातर जगहों पर इंडिया और एनडीए के बीच आमने-सामने की लड़ाई दिखी।

आजमगढ़ : सपा-भाजपा में सीधी टक्कर

भाजपा के दिनेश यादव निरहुआ और सपा के धर्मेंद्र यादव के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। इस सीट पर एमवाई समीकरण ने खूब काम किया है। बसपा के मशहूद अहमद दलित मतदाताओं में बिखराव को नहीं रोक सके। भाजपा को सवर्ण मतदाताओं के साथ ही गैर यादव ओबीसी का समर्थन मिला है।

अंबेडकरनगर : ढहता दिखा बसपा का मजबूत किला

भाजपा के रितेश पांडेय व सपा के लालजी वर्मा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। बसपा के कमर हयात बहुत प्रभावी नहीं नजर आए। शुक्रवार देर रात पूर्व प्रमुख से एक लाख रुपये की बरामदगी और शनिवार को उनके घर पुलिस की कार्रवाई ने भाजपा का खेल भरसक बिगाड़ा। इसके बाद बूथ प्रमुख की पिटाई ने रही सही कसर पूरी कर दी। इससे दोपहर बाद रुझान सपा के पक्ष में दिखा। मतदाता गोलबंद नजर आए। ऐसे में यहां हार-जीत का अंतर मामूली ही रहेगा।

सुल्तानपुर : सपा-भाजपा में कांटे की लड़ाई

कद्दावर पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन से कड़ी टक्कर मिली। विकास के नाम पर चुनाव लड़ रहीं भाजपा की मेनका गांधी को हर वर्ग से समर्थन मिलता दिखा। सपा के रामभुआल निषाद क्षत्रिय मतदाताओं में सेंध लगाते दिखे। बसपा के उदराज वर्मा ने पार्टी के पारंपरिक वोटों के साथ ही सजातीय मतदाताओं में भी सेंध लगाई। उदराज लड़े तो ठीक, लेकिन सपा-भाजपा के बीच मुकाबला त्रिकोणीय बनाने में सफल होते नजर नहीं आए।

बस्ती : दलित मतों में दिखा बिखराव

बस्ती में भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी और गठबंधन से सपा प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी के बीच सीधी टक्कर दिखी। सदर और कप्तानगंज में भाजपा का पक्ष मजबूत नजर आया लेकिन हर्रैया, महादेवा और रुधौली में सपा उम्मीदवार कुर्मी बिरादरी को साधने में कामयाब दिखे। बसपा के लवकुश पटेल दलित मतदाताओं को सहेजने में कामयाब होते नहीं दिखे। दलित मतदाताओं में भी बिखराव दिखा।

डुमरियागंज : भाजपा की ओर रहा सवर्णों का झुकाव

डुमरियागंज संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी जगदंबिका पाल और गठबंधन से सपा प्रत्याशी भीष्मशंकर उर्फ कुशल तिवारी के बीच कांटे का मुकाबला दिखा। बसपा के नदीम मिर्जा बहुत असर नहीं डाल पाए। यहां आजाद समाज पार्टी के चौधरी अमर सिंह ने दलित और कुर्मी वोटों में सेंधमारी की है। भाजपा विकास और राममंदिर का मुद्दा उठाकर सवर्ण मतदाताओं को एकजुट करने में कामयाब दिखती नजर आई। हालांकि, ब्राह्मण बहुल इस सीट पर ब्राह्मणों का झुकाव दोनों तरफ दिखा।

संतकबीरनगर : स्थानीय और बाहरी का मुद्दा रहा गर्म

लड़ाई भाजपा और गठबंधन के बीच ही देखने को मिली। यहां आलापुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के प्रवीण निषाद की बढ़त, तो धनघटा विधानसभा क्षेत्र में यादव व चौहान बिरादरी के लोग सपा प्रत्याशी लक्ष्मीकांत उर्फ पप्पू निषाद के साथ नजर आए। बसपा के नदीम अशरफ बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा पाए। चुनाव में स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी का भी मुद्दा गर्म रहा। कुल मिलाकर इस सीट पर भी लड़ाई भाजपा और इंडी गठबंधन के बीच सिमटकर रह गई।

लालगंज : त्रिकोणीय लड़ाई से मुकाबला दिलचस्प

सुरक्षित लोकसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आया। काडर वोटबैंक के सहारे बसपा की डॉ. इंदु चौधरी और सपा के सपा के दरोगा सरोज मजबूती से चुनाव लड़ते नजर आए। भाजपा की नीलम सोनकर को सवर्ण मतदाताओं के साथ ही ओबीसी का समर्थन मिला है। राजभर मतदाता भाजपा के साथ दिखे। भाजपा ने दलित वोटबैंक में भी सेंधमारी की है।

जौनपुर : भाजपा-सपा के बीच कड़ा मुकाबला

भाजपा के कृपाशंकर सिंह व सपा के बाबू सिंह कुशवाहा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। सपा का एमवाई समीकरण रंग दिखाता नजर आया। उसे कुछ दलित वोट भी मिले हैं। भाजपा को सवर्ण, ओबीसी और दलितों का साथ मिला है। बसपा के श्याम सिंह यादव दलित मतदाताओं में बिखराव रोकने में बहुत कारगर नहीं हो पाए।

मछलीशहर (सुरक्षित): सवर्णों की नाराजगी से बढ़ी चुनौती

प्रत्याशी बीपी सरोज से सवर्णों की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है। हालांकि मोदी-योगी के नाम पर वोट पड़े हैं। सपा की प्रिया सरोज काडर वोटबैंक के सहारे मजबूती से चुनाव लड़ी हैं। बसपा के कृपाशंकर सरोज को भी काडर वोट मिलता दिखा।

इलाहाबाद : जाति के चक्रव्यूह में फंसी भाजपा

भाजपा और इंडी गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर नजर आई। विकास और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जातीय समीकरण हावी दिख रहे हैं। भाजपा के कद्दावर नेता रहे पं. केशरीनाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी और कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे सपा नेता रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्ज्वल रमण सिंह के बीच आमने-सामने का मुकाबला है। बसपा के रमेश पटेल के ज्यादातर बूथों पर न पोलिंग एजेंट दिखे न बस्ते नजर आए।

श्रावस्ती : भाजपा और सपा में सीधी टक्कर

मतदाता भाजपा के साकेत मिश्र और सपा के राम शिरोमणि वर्मा में बंटे दिखे। भिनगा व श्रावस्ती में भाजपा को सपा से कड़ी टक्कर मिली। भिनगा में अलबत्ता बसपा के हाजी दद्दन खां सपा को कमजोर करते दिखे। जनजाति बहुल क्षेत्र में भाजपा की धमक दिखी।

भदोही : भाजपा-टीएमसी के बीच सिमटी लड़ाई

भदोही में मुख्य मुकाबला भाजपा के विनोद कुमार बिंद और टीएमसी के ललितेश पति त्रिपाठी के बीच देखने को मिला है। बसपा के हरिशंकर चौहान को काडर वोट मिले हैं, लेकिन वे खुद कोई कमाल नहीं दिखा पाए। ललितेश ब्राह्मण वोट बैंक में सेंधमारी में कामयाब रहे हैं। हालांकि भाजपा को बिंद के साथ अन्य सवर्णों का साथ मिला है।

प्रतापगढ़ : सपा और भाजपा में कड़ा मुकाबला

अयोध्या का राम मंदिर, प्रदेश की कानून व्यवस्था या सरकारी योजनाओं के लाभ का मुद्दा प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर दरकिनार रहा। राष्ट्रवाद और जातीय समीकरण पर ही चुनाव हुआ। भाजपा प्रत्याशी संगमलाल गुप्ता के प्रति लोगों की नाराजगी ने भी मतदान पर असर डाला। लड़ाई सीधी संगम लाल और सपा के एसपी सिंह पटेल के बीच रही। बसपा के प्रथमेश मिश्रा कोर वोटरों के सहारे मुकाबले में आने की जद्दोजहद करते नजर आए।

फूलपुर : पटेल व दलित मतों में बिखराव

भाजपा के प्रवीण पटेल और सपा के अमरनाथ मौर्य के बीच किला बचाने और किला ढहाने की तगड़ी लड़ाई दिखी। बसपा के जगन्नाथ पाल दलित मतों में बिखराव नहीं रोक सके। बेरोजगारी, महंगाई के सवाल पर युवा बंटते नजर आए। भाजपा को भितरघात का भी सामना करना पड़ा है। पटेल और दलित मतों में बिखराव हुआ है

Compiled by up18news