प्रयागराज। 45 दिन तक चले प्रयागराज महाकुम्भ के दौरान जहां एक ओर प्रयागराज रेल मण्डल और उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने 17730 ट्रेनों का संचालन कर लगभग 4.8 करोड़ लोगों को उनके गंतव्य स्टेशनों तक पहुंचाया था तो वहीं दूसरी ओर एनसीआर के चिकित्सा विभाग ने रेलवे स्टेशनों पर लगभग 3 लाख से अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की थीं।
उत्तर मध्य रेलवे ने स्टेशनों पर बनाए थे पीएचसी और आब्जर्वेशन रूम
महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की चिकित्सकीय सुविधा के लिए स्टेशनों पर आब्जर्वेशन रूम और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र बनाये गये थे, जहां रेलवे के विशेषज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ ने श्रद्धालुओं को जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई।
रेलवे के 220 डॉक्टरों और 170 मेडिकल स्टॉफ ने दीं नियमित सेवाएं
महाकुम्भ मेले के दौरान श्रद्धालुओं को रेलवे स्टेशनों पर जरूरी चिकित्सकीय सुविधा देने के लिए 30 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और चार आब्जरवेशन रूम बनाये गये थे। यहां रेलवे के लगभग 220 डॉक्टरों और 170 पैरामेडिकल स्टॉफ ने नियमित सेवाएं दीं। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएम शर्मा, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशीष अग्रवाल और मंडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. परवेज़ अहमद ने इन केंद्रों को निरंतर मॉनीटर किया।
महाकुम्भ के स्नान पर्वों पर रेलवे के डॉक्टरों ने लगभग 3 लाख यात्रियों को चिकत्सीय सहायता प्रदान की। जिनमें से लगभग 20,000 मरीजों को स्टेशनों पर बनी पीएचसी और आब्जर्वेशन रूम में जरूरी इलाज उपलब्ध कराया गया। जबकि 334 गंभीर मरीजों को रेलवे के केंद्रीय हॉस्पिटल रैफर करना पड़ा।
सीपीआर और आक्सीजन देकर बचाई तमाम गंभीर मरीजों की जान
एनसीआर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएम शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान रेलवे के मेडिकल स्टॉफ ने यात्रियों को दिन-रात चिकित्सा सुविधा प्रदान की। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा समस्या अधिक भीड़ के कारण हृदय रोगियों, साइनस और ब्रॉन्काइटिस के मरीजों को हुई। कई गंभीर मरीजों की जान सीपीआर, नैब्युलाईजेशन और आक्सीजन देकर बचाई गई।
इसके अलावा यात्रियों को तनाव और थकान के कारण भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिन्हें जरूरी स्वास्थ्य लाभ और दवाईयां प्रदान की गईं। साथ ही स्टेशन पर नियमित साफ सफाई, सेनिटेशन, मच्छर रोधी दवाइयों का छिड़काव कर यात्रियों के हाईजीन का भी ध्यान रखा गया।