अलहेना एक SaaS स्टार्टअप है जो ई-कॉमर्स ब्रांडों के अपने ग्राहकों के साथ जुड़ने के तरीके को बदल रहा है, और नई तकनीकी का इस्तेमाल करके भारत का एक युवा इंजीनियर अमेरिका जैसे देश ई कॉमर्स कंपनियों को एक नई दिशा प्रदान करेगा ।
क्षितिज पाराशर, भारत में बिट्स पिलानी के छात्र थे व मूल भारतीय निवासी थे, आज अमेरिका में ई-कॉमर्स जगत में धीरे – धीरे बड़ा नाम बन रहा है। अपनी कंपनी अलहेना एआई के माध्यम से, वह व्यापारियों को ग्राहकों के साथ जुड़ने का एक नया तरीका सिखा रहे हैं। कभी बिट्स पिलानी के छात्र रहे क्षितिज की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक आज अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों को आगे बढ़ने में मदद कर रही है।
क्षितिज को हमेशा से गणित और विज्ञान में रुचि थी। बिट्स में पढ़ाई के दौरान, उन्हें ग्राहकों की समस्याओं को हल करने के लिए एआई का उपयोग करने का विचार आया। उन्होंने पारंपरिक नौकरी नहीं करने का फैसला किया और लोन लेकर अपनी कंपनी शुरू की ।
आजकल एआई ग्राहक सेवा तेज़ी से बढ़ रही है, लेकिन ज्यादातर चैटबॉट प्रभावी नहीं होते हैं। अलहेना अलग है क्योंकि क्षितिज ने एक ऐसा एआई सिस्टम बनाया है जो ग्राहकों के सवालों को आसानी से समझ सकता है और सटीक जानकारी प्रदान कर सकता है। इसके
परिणामस्वरूप, कुछ कंपनियों के 80% से अधिक ग्राहक सेवा प्रश्नों को एआई द्वारा ही हल किया जा रहा है, जो सामान्य चैटबॉट से काफी बेहतर है।
क्षितिज का कहना है कि उन्होंने एक ऐसा सिस्टम बनाया है जिस पर ई-कॉमर्स कंपनियां भरोसा कर सकती हैं। अलहेना की सफलता का श्रेय उन नई तकनीकों को जाता है जो गलत सूचना को हटाती हैं और स्वचालित रूप से सीखती रहती हैं। यह सिस्टम न केवल सवालों के जवाब देता है बल्कि उन ग्राहकों तक भी पहुंचता है जिन्होंने खरीदारी बीच में छोड़ दी थी।
अपने करियर की शुरुआत में, क्षितिज ने एक बैंक और एक स्मार्ट ट्रैफिक लाइट कंपनी में काम किया। कोविड-19 महामारी के कारण उनका काम रुक गया। बाद में, अमेरिका में पढ़ाई करने के बाद, उन्होंने एक वॉयस असिस्टेंट कंपनी में काम किया। अलहेना से जुड़कर उन्हें लगा कि यह एक सुनहरा अवसर है।
क्षितिज जिम्मेदारी से प्रेरित होते हैं और उनका मानना है कि असफलता अंत नहीं है। अलहेना का लक्ष्य ग्राहक सेवा को अब केवल एक खर्च के रूप में नहीं देखना है, बल्कि इसे आय का एक स्रोत बनाना है। वे दुनिया की सबसे भरोसेमंद एआई कंपनी बनना चाहते हैं। क्षितिज युवाओं को सलाह देते हैं कि वे ऐसे स्थानों पर काम करें जहाँ उन्हें जिम्मेदारी मिले और वे तेजी से सीख सकें।