मंडीः हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन के बीच नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। दो मंजिला अवैध मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया गया है। नगर निगम कमिश्नर एचएस राणा की कोर्ट ने इसके लिए एक महीने (30 दिन) का वक्त दिया है। इससे पहले मंडी प्रशासन ने ऐलान किया था कि मंडी अवैध मस्जिद को सील किया जाएगा, मगर प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं।
मंडी नगर निगम के आयुक्त एचएस राणा ने कहा कि इस मामले की सुनवाई हमने तीन महीने में पूरी की है। सुनवाई के दौरान हमने पाया की मस्जिद में अवैध निर्माण किया गया है क्योंकि जो निर्माण किया गया था उसकी मंजूरी नहीं ली गई थी। कोई नक्शा पास नहीं कराया गया था। इसलिए हमने 30 दिन के अंदर अवैध निर्माण को गिरने का आदेश दिया है। मस्जिद को उसके पुराने स्वरूप में लाना होगा अगर मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध निर्माण नहीं गिराया तो इस निर्माण को नगर निगम गिराएगा। 30 दिन के अंदर मस्जिद कमेटी ऊपरी अदालत में भी अपील कर सकती है।
प्रदर्शनकारियों पर की पानी की बौछारें
मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को पानी की बौछारें की। प्रदर्शनकारियों ने पहले मंडी बाजार इलाके में मार्च निकाला और फिर वे सेरी मंच पर धरने पर बैठ गए। बाद में जब उन्होंने मस्जिद की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और स्थिति को काबू में करने के लिए पानी की बौछार की। हिंदू संगठनों की ओर से विरोध मार्च का आह्वान किए जाने के बाद पुलिस ने मंडी में भारी बल तैनात कर सुरक्षा बढ़ा दी है।
क्या है विवाद
तीस साल पुरानी 3 मंजिला यह मस्जिद मंडी शहर के जेल रोड पर है। आरोप है कि इसकी 2 मंजिल अवैध रूप से बनाई गई थी। मस्जिद के साथ ही एक दीवार बनाकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का भी आरोप है। हालांकि इस दीवार को मस्जिद कमेटी ने खुद ही गिरा दिया है। आरोप है कि मंडी के जेल रोड पर मस्जिद में 2 मंजिल बिना अनुमति बनाई गई हैं। इसे लेकर जून 2024 से ही नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। इस मस्जिद की जमीन मुस्लिम महिला के नाम है। करीब तीस साल पहले बनी एक मंजिला मस्जिद पर इस साल मार्च में 2 मंजिल बनाई गईं।
नगर निगम ने जून में काम रोकने का नोटिस दिया था। जांच की गई तो कुछ जमीन PWD की निकली। सड़क से लगी दीवार भी अवैध रूप से बनाई गई थी। स्थानीय लोगों को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के अलावा इस मस्जिद में बाहर से आकर रहने वाले लोगों पर ऐतराज है। स्थानीय लोगों का आरोप है की मस्जिद के आसपास बाहरी लोग आकर रहने लगे हैं और ऐसे में इलाके की डेमोग्राफी भी प्रभावित हो रही है।
हिंदू संगठनों ने लगाया ये आरोप
कुछ हिंदू संगठनों का आरोप ये भी है कि इस मस्जिद की जगह पर सदियों पहले मंदिर होता था जिसे राजा ने अपने एक मुस्लिम बुनकर को नमाज अता करने के लिए दे दिया था। स्थानीय लोगों की मांग है कि इस मस्जिद के नीचे खुदाई करवाई जाए और पुरातत्व विभाग ये चेक करे कि क्या मस्जिद के नीचे मंदिर तो नहीं है। हालांकि हिंदू संगठनों के इस दावे का कोई भी पुख्ता प्रमाण अब तक सामने नहीं आया है।
साभार सहित
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