अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि गाजा के साथ सीजफायर होना संभव नहीं है. हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि ‘अगर सीज़फ़ायर हुआ तो ये हमास के लिए तोहफ़ा होगा क्योंकि इस वक़्त का इस्तेमाल वो फिर से ख़ुद को खड़ा करने के लिए करेगा.’
हिलेरी क्लिंटन कहती हैं, ”जो लोग सीज़फ़ायर की बात कर रहे हैं वो लोग हमास को समझते ही नहीं हैं. ये संभव ही नहीं है. अगर ऐसा किया गया तो हमास के लिए ये तोहफ़े जैसा होगा क्योंकि तब हमास इस वक़्त का इस्तेमाल मज़बूत ठिकानों को बनाने, युद्ध सामग्री जुटाने के लिए करेगा.”
हिलेरी ने ये बातें तब कहीं, जिस दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसराइल और हमास के बीच मानवीय आधार पर तुरंत संघर्ष विराम लागू करने के प्रस्ताव को बहुमत से स्वीकार किया गया.
जॉर्डन की ओर से शुक्रवार को पेश इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट करने वाले 14 देशों में से एक अमेरिका भी था.
भारत समेत 45 अन्य देश इस वोटिंग से अनुपस्थित रहे.
हिलेरी इसराइल-ग़ज़ा पर क्या बोलीं?
सात अक्तूबर को हमास ने इसराइल पर हमला बोला था. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में इसराइल ने ग़ज़ा पर हमले शुरू किए.
हमास के हमले में 1400 इसराइली मारे गए. इसराइल की जवाबी कार्रवाई में ग़ज़ा में आठ हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए हैं. मारे गए लोगों में बड़ी संख्या में बच्चे हैं.
सोमवार को ऐसी रिपोर्ट्स भी आईं कि इसराइल ने ग़ज़ा के एक ऐसे अस्पताल के पास हमला किया है, जिसमें हज़ारों फ़लस्तीनियों ने पनाह ली हुई है और हज़ारों का इलाज भी चल रहा है.
इसराइल के हमले के बाद ग़ज़ा को पहुंचाई जाने वाली मदद भी प्रभावित हुई है.
इस बारे में हिलेरी कहती हैं, ”तेल समेत दूसरी चीज़ों की मदद ग़ज़ा तक पहुंचाना असमंजस की स्थिति है, जिसका हां या ना में जवाब देना मुश्किल है. इस हालात के कई पहलू हैं.”
वो कहती हैं, ”इसराइली लोगों पर हमास के फैलाए आतंक का विरोध ज़रूरी है और हमास को इसकी क़ीमत चुकानी होगी.”
हिलेरी ने कहा, ”इसराइल को ये है हक़ है कि वो अपनी रक्षा स्वयं करे और उसे युद्ध के नियमों के तहत ये अधिकार है.”
वो बोलीं, ”इसराइल की ये चिंता जायज़ है कि तेल कहीं हमास को ना मिल जाए. ये ज़रूरी है कि तेल वहां जाए जहां उसकी वाक़ई ज़रूरत है. ताकि जनरेटर चलते रहें और अस्पतालों में दिक़्क़त ना आए.”
सीज़फ़ायर को लेकर नेतन्याहू ने क्या कहा?
संघर्ष शुरू होने के बाद रविवार को ग़ज़ा में मदद पहुंचाने वाले 33 ट्रक दाखिल हुए. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक़, संघर्ष शुरू होने के बाद ये पहली इतनी बड़ी मदद है जो ग़ज़ा पहुंची है.
अल अरबिया के मुताबिक़, संघर्ष शुरू होने से पहले हर रोज़ 500 ट्रक मदद सामग्री या सामान लेकर ग़ज़ा में दाखिल होते थे.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने तेल अवीव में कहा है कि सीज़फ़ायर की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि ये युद्ध का समय है.
नेतन्याहू ने कहा, “पर्ल हार्बर पर बमबारी या 9/11 के हमले के बाद जैसे अमेरिका संघर्ष विराम के लिए तैयार नहीं होता. सात अक्टूबर के हमले के बाद इसराइल हमास के साथ संघर्ष विराम नहीं करेगा.”
नेतन्याहू बोले, “संघर्ष विराम के लिए कहना हमास के सामने, आतंकवाद के सामने इसराइल को आत्मसमर्पण करने के लिए कहने जैसा है.”
इसराइल के पीएम ने कहा, “बाइबल में कहा गया है कि शांति का समय होता है और युद्ध का समय होता है तो ये युद्ध का समय है. ये युद्ध हमारे साझे भविष्य के लिए है.”
Compiled: up18 News
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