झारखंड को अपना 14वां मुख्यमंत्री मिल गया है. विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद हेमंत सोरेन ने गुरुवार शाम 4 बजे सीएम पद की शपथ ली. रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष गंगवार ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. हेमंत सोरेन ने चौथी बार राज्य की कमान अपने हाथ में ली है. उनके शपथ ग्रहण समारोह में जेएमएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, बगाल की सीएम ममता बनर्जी, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार,
पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव समेत इंडिया ब्लॉक के अन्य नेता शामिल हुए. शपथ ग्रहण समारोह से पहले हेमंत सोरेन जेएमएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचे. यहां उन्होंने माता-पिता का आशीर्वाद लिया. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, अबुआ सरकार के शपथ ग्रहण से पहले बाबा दिशोम गुरुजी और मां का आशीर्वाद लिया.
आज सिर्फ हेमंत सोरेन ने शपथ ली है. कैबिनेट का विस्तार बाद में होगा. राज्य में गठबंधन सरकार बनने के बावजूद हेमंत के अकेले शपथ लेने पर सियासी चचर्चाएं तेज हैं. सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि हेमंत मंत्रिमंडल के साथ शपथ न लेकर अकेले शपथ ले रहे हैं. 2019 में हेमंत ने 3 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. उस समय कांग्रेस कोटे से 2 मंत्रियों ने उनके साथ शपथ ली थी.
झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन के शपथ लेने के बाद उनकी बहन अंजनी सोरेन ने कहा, आज पूरा झारखंड खुश है. हमें पहले से ही उम्मीद थी कि हम पूर्ण बहुमत से जीतेंगे.
हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले रांची पहुंचने पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हम सरकार चलाएंगे और झारखंड को आगे ले जाएंगे.
बरहेट सीट से चुनाव लड़े थे हेमंत सोरेन
हेमंत सोरेन ने बरहेट सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था. यहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के गमलियल हेम्ब्रम को 39 हजार 791 मतों से हराया था. जेएमएम (झारखंड मुक्ति मोर्चा) नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटों पर कब्जा किया है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 24 सीटें मिली हैं.
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