हरियाणा सरकार का मेडेन फार्मा पर बड़ा एक्शन, कफ सिरप के उत्पादन पर रोक

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हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने कंपनी के कफ सिरप उत्पादन पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि WHO की ओर से चिन्हित किए जाने के बाद सोनीपत की मेडेन फार्मास्युटिक्स के तीन कफ सिरप के सैंपल जांच के लिए कोलकाता की सेंट्रल ड्रग लैब में भेजे गए थे जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

कंपनी को नोटिस

अनिल विज ने बताया, “केंद्रीय और हरियाणा ड्रग डिपार्टमेन्ट ने संयुक्त निरीक्षण किया। कफ सिरप में करीब 12 खामियां मिलीं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए उत्पादन बंद करने का फैसला लिया गया है। कंपनी को नोटिस दिया गया है।”

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डब्ल्यूएचओ द्वारा मेडेन फार्मास लिमिटेड के कफ सिरप के उत्पाद अलर्ट जारी करने के बाद कहा, “केंद्र सरकार के अधिकारी पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सैंपल कोलकाता की सेंट्रल ड्रग लैब भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद कुछ भी गलत पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।”

जांच में अनुरूप नहीं पाई गईं दवाएं

हरियाणा दवा नियंत्रक ने मेडेन फार्मास्युटिकल्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पूछा है कि उसका मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द क्यों न किया जाए। मेडन फार्मास्युटिकल्स को 14 अक्टूबर 2022 तक इस नोटिस का जवाब देना है। अधिकारियों ने कहा कि दवा बनाने में इस्तेमाल किए गए प्रोपलीन ग्लाइकॉल, सोर्बिटोल सॉल्यूशन और सोडियम मिथाइलपरबेन के बैच नंबर का उल्लेख नहीं किया गया। दवाएं जांच में अनुरूप नहीं पाई गई थीं।

WHO ने जारी किया था अलर्ट

विशेषज्ञों के अनुसार प्रोपलीन ग्लाइकॉल में दूषित पदार्थ डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल हो सकते हैं। इन दो जहरीले रसायनों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गांबिया में मौतों के संभावित कारणों के रूप में नामित किया गया है। WHO ने मेडेन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा बनाए गए चार कफ सीरप को लेकर एक अलर्ट जारी किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक इन सीरप में डाइथीलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा की पुष्टि हुई है, जो इंसानों के लिए बेहद खतरनाक है। WHO ने जिन कफ सिरप पर सवाल उठाए हैं, उनके नाम प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हैं।

-एजेंसी