वाराणसी: कोर्ट कमिश्नर के सर्वे से पहले हरे परदे से ढकी गई ज्ञानवापी मस्जिद

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वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी विवाद में आज अधिकवक्ता कमिश्नर अजय कुमार मिश्र के देख रेख में वीडियोग्राफी होनी है। कोर्ट के आदेश के बाद श्रृंगार गौरी और और अन्य ग्रहों के वीडियोग्राफी मामले को लेकर वाराणसी प्रशासन जबरदस्त दबाव में है।

शुक्रवार के दिन नमाज अदा करने भी बड़ी संख्या में लोग ज्ञानवापी मस्जिद आते हैं। ऐसे में सुरक्षित वीडियोग्राफी कराना वाराणसी प्रशासन के लिए एक चुनौती है। सर्वे के ठीक पहले सड़क से दिखने वाले मस्जिद के हिस्से को हरे परदे और होर्डिंग लगा कर को लगाकर ढक दिया गया है। एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है

दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर धाम के गेट नंबर 4 के बगल से मस्जिद की ओर जाने का रास्ता है। करीब 8 फीट चौड़े इस रास्ते की तरफ से मस्जिद का पूरा हिस्सा दिखता है। इस हिस्से को हरे पर्दे लगाकर और होर्डिंग लगा कर ढक दिया गया है, जिससे सड़क से किसी भी तरह की गतिविधि को देखा ना जा सके। एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।

पुलिस कमिश्नर खुद कर रहे मॉनिटरिंग

सुरक्षित तरीके से कोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने खुद कमान संभाल रखी है और मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इतना ही नहीं लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ-साथ आईबी की टीमें भी सादी वर्दी में क्षेत्र में है। इसके अलावा पैरामिलिट्री फोर्स और पीएसी के बल को भी स्टैंडबाई पर रखा गया है।

अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव की तबियत बिगड़ी

सर्वे का विरोध करने वाले अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि सुबह से उनका ब्लड प्रेशर लगातार बढ़ा हुआ है। वह आज बात करने में सक्षम नही हैं। एसएम यासीन ने इस सर्वे की प्रक्रिया का विरोध करने का ऐलान किया था।

मुस्लिमों के विरोध पर संतों ने हवन से दिया जवाब

काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुद्दे पर कोर्ट के आदेश के बाद 6 मई को (आज) अधिवक्ता कमीशन के जरिए श्रृंगार गौरी और दूसरे ग्रहों की वीडियोग्राफी कराई जानी है। इसको लेकर मस्जिद कमेटी से जुड़े मुस्लिम पक्षकारों ने विरोध दर्ज कराया था।

अब काशी में विरोध दर्ज कराने वालों को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती के नेतृत्व में हवन पूजन किया गया। वहीं संत भी इस मुद्दे को लेकर मुखर हो गए है। उन्होंने विरोध करने को लेकर कहा कि मुस्लिम पक्ष वीडियोग्राफी को रोककर क्या कुछ इस मामले में छुपाना चाहते हैं?

-एजेंसियां


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