डिजिटल न्यूज़ के कारोबार से मुफ्त में मोटी कमाई कर रहा सर्च की दुनिया का बेताज बादशाह गूगल

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दूसरी तरफ गूगल का अपना एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म यानी गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store) है, जो कि मोबाइल ऐप्स का एंट्री प्वाइंट है। मतलब गूगल की मर्जी से सभी एंड्रॉइड स्मार्टफोन में मोबाइल ऐप्स इस्तेमाल किए जाते हैं। साथ ही गूगल के अपने मोबाइल ऐप्स जैसे गूगल पे, जीमेल और गूगल मीट हैं, जिसके खिलाफ किसी ऐप्स को खड़ा नहीं होने देता। इस गूगल अपनी पोजिशन का फायदा उठाकर अपनी दादागिरी दिखाता है। साथ ही गूगल का वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Youtube भी है, जो वीडियो सर्चिंग की दुनिया में टॉप पर है।

मुफ्त में कर रहा मोटी कमाई

डिजिटल न्यूज़ का पूरा कारोबार गूगल की मनमर्जी से चलता है। जहां पश्चिमी देशों में गूगल न्यूज़ पब्लिशर्स को गूगल प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ पब्लिश करने के पैसे देता है, वहीं भारत जैसे देशों में मुफ्त में अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज़ पब्लिश कर रहा है। साथ न्यूज़ पब्लिश करने के मनमाने नियम बना रहा है, जिससे न्यूज़ पब्लिशर को ज्यादा निवेश करना पड़ रहा है। साथ ही गूगल पर अपने फायदे वाली न्यूज़ को प्रमोट करने और गूगल के खिलाफ न्यूज़ को प्रतिबंधित करने के आरोप लगते रहे हैं।

गूगल प्ले स्टोर की कमाई

गूगल ऐप डेवलपर्स से ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर लिस्ट करने और रेवेन्यू में से मोटी हिस्सेदारी चाहता है। गूगल की तरफ Apple पर मोबाइल की दुनिया में मनमाने ढंग से कारोबार का आरोप लगता रहा है। साथ ही 30 फीसदी टैक्स को लेकर भी सवाल उठ चुके हैं। गूगल और ऐपल मनमाने ढंग से मोबाइल में ऐप्स को रन करने की इजाजत देते हैं। साथ ही मोबाइल मैन्यूफैक्चर्स पर दबाव बनाकर अपने ऐप्स को प्रमोट करने के भी आरोप लगते रहे हैं। इन्हीं आरोपों के चलते गूगल पर भारत सरकार की सीसीआई की तरफ से करीब 2000 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा चुका है।

Compiled: up18 News