श्रीलंका: पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे वापस लौटे, विरोध का डर

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लोगों ने देश के इन हालात के लिए गोटाबाया सरकार को ज़िम्मेदार बताया था और अप्रैल से ही इसका विरोध हो रहा था.

विरोध प्रदर्शन इतने उग्र हो गए थे कि प्रदर्शनकारी गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफ़े की मांग करते हुए राष्ट्रपति के सरकारी आवास में घुस गए थे. उन्होंने प्रधानमंत्री के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया था.

इसके बाद गोटाबाया राजपक्षे सैन्य विमान से देश छोड़कर मालदीव चले गए थे और इसके बाद सिंगापुर पहुंचे थे. वहीं से उन्होंने अपना इस्तीफ़ा भेजा था. उनके बाद रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के राष्ट्रपति बने थे.

विरोध का डर

गोटाबाया राजपक्षे का वापस लौटना फिर से विवाद पैदा कर सकता है जबकि मौजूदा सरकार और ज़्यादा विरोध प्रदर्शन नहीं चाहती है.

विरोध प्रदर्शनकारियों के एक प्रमुख नेता फादर जीवंथा पीरिस ने बीबीसी से कहा, ”हम राजपक्षे के आने का विरोध नहीं करते. कोई भी श्रीलंकाई नागरिक देश वापस आ सकता है. लोग उनकी सरकार के कथित भ्रष्टाचार के कारण सड़कों पर निकले थे. हमारी उनसे कोई निजी दुश्मनी नहीं है.”

वहीं, दूसरे प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो राजपक्षे के फिर से राजनीति या सरकार से जुड़ने की कोशिशों का विरोध करेंगे.

श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक़ सरकार गोटाबाया राजपक्षे को सेंट्रल कोलंबिया के एक घर में रख सकती है लेकिन ये साफ़ नहीं है कि वो सीधे घर जाएंगे या पहले किसी सुरक्षित सैन्य ठिकाने पर जाएंगे.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि गोटाबाया राजपक्षे को पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर सुरक्षा दी जाएगी

-एजेंसी


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