नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने 56,000 करोड़ रुपये के एक बैंक घोटाले से जुड़े मामले की जांच के दौरान नीरज सिंघल को गिरफ्तार किया है. ईडी ने पहले नीरज सिंघल के घर पर छापा मारा और अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. स्पेशल कोर्ट ने 20 जून तक के लिए नीरज सिंघल को ईडी की हिरासत में रखने की अनुमति दे दी है.
दिवालिया हो चुकी स्टील कंपनी भूषण स्टील के प्रमोटर और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) नीरज सिंघल को गिरफ्तार कर लिया गया है. प्रवर्तन निदेशालय 56,000 करोड़ रुपये के एक बैंक घोटाले की जांच कर रहा है. इसी सिलसिले में नीरज सिंघल को गिरफ्तार किया गया है.
पूर्व एमडी पर हैं ये आरोप
Times Of India की खबर के मुताबिक ईडी की जांच भूषण स्टील और इसके डायरेक्टर्स के खिलाफ सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है. इस शिकायत में नीरज सिंघल के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं.
नीरज सिंघल के खिलाफ शेल कंपनियां बनाने और एक कंपनी के पैसे की मल्टीपल ट्रांजेक्शन दिखाकर हेर-फेर करने जैसे आरोप हैं. इन पैसों का इस्तेमाल प्रॉपर्टी खरीदने और निजी कामों के लिए किया गया.
ईडी का कहना है कि जांच के दौरान पाया गया कि भूषण स्टील के प्रमोटर्स/डायरेक्टर्स और अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया, ताकि बैंकों से डिस्काउंट पर लेटर्स ऑफ क्रेडिट जारी करवाए जा सके. उन्होंने कंपनी के इस फंड को अपनी खुद की कंपनियों के जाल में डायवर्ट किया.
SBI, PNB को हुआ नुकसान
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि बैंकों से मिले फंड की जेएसडब्ल्यू स्टील और हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के नाम से फर्जी लेटर ऑफ क्रेडिट बनाकर हेरा-फेरी की गई. बाद में इसे भूषण स्टील और अन्य सहयोगियों कंपनियों में डायवर्ट किया गया. इससे भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
Tata Steel के पास अब कमान
भूषण स्टील के खिलाफ दिवाला कानून के तहत भी कार्रवाई हुई. इसके बाद कंपनी का परिचालन मई 2018 में टाटा स्टील के पास पहुंच गया. टाटा स्टील ने कंपनी पर बैंकों के 35,200 करोड़ रुपये बकाया का करीब दो तिहाई हिस्सा चुकस दिया है. वहीं सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस ने अगस्त 2018 में सिंघल को गंभीर कॉरपोरेट फ्रॉड से जुड़े आरोपों के चलते गिरफ्तार किया था.
– एजेंसी