उत्तर प्रदेश में संचालित मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को होने वाली विदेशी फंडिंग जांच के दायरे में आ गई है। सरकार ने एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT का गठन कर दिया है। एडीजी के अलावा एसपी साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की निदेशक जे रीभा वाली एसआईटी मदरसों को होने वाली फंडिंग की जांच करेगी।
पिछले दिनों अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का 12 बिंदुओं पर सर्वे करवाया था। सर्वे रिपोर्ट में नेपाल की सीमा से सटे जिलों में कई ऐसे मदरसे सामने आए थे, जिनकी आय के स्रोत स्पष्ट नहीं थे।
बलरामपुर, श्रावस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच और लखीमपुर खीरी इलाके में स्थित मदरसों से गड़बड़ी की सूचना आई है। इनमें से अधिकांश मदरसों ने सर्वे के दौरान दावा किया था कि उनकी आय का स्रोत कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों से आने वाली जकात और विदेशी फंडिंग है। इसके बाद ही विभाग ने मदरसों को होने वाली फंडिंग की जांच किसी विशेषज्ञ एजेंसी से करवाए जाने की बात कही गई थी। उसी क्रम में गृह विभाग ने एडीजी एटीएस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT का गठन किया है।
पिछले दिनों अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मान्यता प्राप्त और गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का 12 बिंदुओं पर सर्वे करवाया था। सर्वे रिपोर्ट में नेपाल की सीमा से सटे जिलों में कई ऐसे मदरसे सामने आए थे, जिनकी आय के स्रोत स्पष्ट नहीं थे। ये मदरसे बलरामपुर, श्रावस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच और लखीमपुर खीरी इलाके में संचालित किए जा रहे थे। इनमें से अधिकांश मदरसों ने सर्वे के दौरान दावा किया था कि उनकी आय का स्रोत कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों से आने वाली जकात और विदेशी फंडिंग है।
मदरसों को होने वाली फंडिंग की जांच विभाग ने किसी विशेषज्ञ एजेंसी से करवाए जाने की बात कही थी। गृह विभाग ने इसी क्रम में एडीजी एटीएस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय SIT का गठन किया है। जांच के तहत एटीएस व साइबर क्राइम के एक्सपर्ट विभागीय जानकारियों के आधार पर करीब 24 हजार मदरसों की फंडिंग और उसे खर्च किए जाने का ब्योरा खंगालेंगे।
प्रदेश में 16,513 मान्यता प्राप्त और 7,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा करवाए गए सर्वे में करीब चार हजार मदरसों में फंडिंग से जुड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं। इनमें से ज्यादातर मदरसे नेपाल सीमा पर संचालित हो रहे हैं।
Compiled: up18 News
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