विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि जबरन जनसंख्या नियंत्रित करने के बेहद गंभीर परिणाम हो सकते हैं और इससे देश में लैंगिक संतुलन बिगड़ सकता है. जयशंकर ने ये टिप्पणी गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान दी.
उन्होंने कहा कि “भारत में शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि से जनसंख्या वृद्धि की दर गिर रही है. समय बीतने के साथ ही परिवारों का आकार छोटा होता जा रहा है.”
“जबरन जनसंख्या नियंत्रण करने के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं. आप कुछ देशों में देख रहे हैं. जेंडर बैलेंस बिगड़ जाता है. ये किसी भी समाज के हित में नहीं है.”
जयशंकर का ये बयान ऐसे समय में आया है जब बीते कुछ सालों से भारत में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की जा रही है.
संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में अनुमान जताया था कि भारत 2023 तक 140 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा.
जयशंकर ने इस मौके पर भारत की विदेश नीति पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति अब वोट बैंक की राजनीति से प्रभावित नहीं होती है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण इसराइल-भारत के संबंध हैं.
उन्होंने कहा, “कुछ राजनीतिक वजहों से, हम इसराइल के साथ अपने संबंध आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे. पीएम मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे जो इसराइल गए…अब वो समय चला गया जब हम वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हितों को किनारे कर देते थे.”
-एजेंसी