केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के इनपुट के मुताबिक प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की हिट लिस्ट में केरल के पांच RSS नेता हैं। संभावित खतरे को भांपते हुए गृह मंत्रालय ने शनिवार को इन नेताओं को ‘Y श्रेणी’ की सुरक्षा प्रदान की है।
सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद केरल में आरएसएस नेताओं पर संभावित खतरे के बारे में गृह मंत्रालय को सूचित किया। एनआईए की छापेमारी के दौरान केरल पीएफआई सदस्य मोहम्मद बशीर के घर से एक लिस्ट मिली थी, जिसमें पीएफआई के रडार पर RSS के पांच नेताओं के नाम थे।
5 आरएसएस नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा: जिसके बाद गृह मंत्रालय ने एनआईए और आईबी की रिपोर्ट के आधार पर केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 5 नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है। उनकी सुरक्षा में अब पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडोकी तैनाती की जाएगी।
22 सितंबर 2022 को पीएफआई के सदस्य मोहम्मद बशीर पर रेड के दौरान एनआईए को आरएसएस नेताओं की एक सूची मिली थी। इसमें आरएसएस के 5 नेताओं को जान से मारने का उल्लेख था। इसी के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांचों नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी है।
केंद्र सरकार ने पीएफआई पर लगाया बैन: इससे पहले केंद्र सरकार ने 28 सितंबर को बड़ा फैसला लेते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और आठ संगठनों को पांच साल के लिए बैन कर दिया। इस फैसले को जहां एक पक्ष ने सही बताया, तो वहीं कुछ नेता RSS जैसे अन्य संगठनों पर भी बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। बैन से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने 17 सितंबर को प्रमुख मुस्लिम संगठन के नेताओं से PFI और उनके जैसे कट्टरपंथी संगठनों के बारे में उनके विचारों को समझने के लिए मुलाकात की थी।
जिसके बाद 22 सितंबर को देशभर में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की छापेमारी हुई थी। पीएफ़आई पर बैन के केंद्र सरकार ने कई कारण गिनाए हैं। जिनमें सबसे अहम यह है कि इसके लिंक सीरिया और इराक में सक्रिय ISIS से जुड़े हैं। सरकार का दावा है कि PFI से जुड़े लोगों ने इस्लामिलक स्टेट से जुड़कर सीरिया और इराक में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया।
-एजेंसी
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