शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली की पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और एक नई मुसीबत में फंस गए हैं। दरअसल, आम आदमी पार्टी की कथित ‘फीडबैक यूनिट’ (एफबीयू) से जुड़े एक जासूसी मामले में सीबीआई ने 14 मार्च को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित सात लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। इस बात का खुलासा आज हुआ है। एफआईआर में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सलाहकार गोपाल मोहन का भी नाम है।
FIR में किनके नाम
मनीष सिसोदिया, पूर्व डेप्युटी सीएम
सुकेश कुमार जैन (IRS 1992), तत्कालीन विजिलेंस सचिव, नई दिल्ली
राकेश कुमार सिन्हा (रिटायर, DIG, CISF), सीएम के स्पेशल एडवाइजर और ज्वाइंट डायरेक्टर, फीडबैक यूनिट, दिल्ली
प्रदीप कुमार पुंज (रिटायर ज्वाइंड डेप्युटी डायरेक्टर, IB), दिल्ली फीडबैक यूनिट के डेप्युटी डायरेक्टर।
सतीश खेत्रपाल (रिटायर असिस्टेंट कमांडेंट, CISF), दिल्ली सरकार के फीडबैक ऑफिसर के रूप में कार्यरत।
गोपाल मोहन, सीएम अरविंद केजरीवाल के एंटी करप्शन एडवाइजर।
केजरीवाल बोले, देश के लिए दुखद
उधर, अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी की साजिश है कि मनीष सिसोदिया पर झूठे केस लगाकर उन्हें जेल में ही रखा जाए। यह देश के लिए दुखद है।
क्या है मामला
दिल्ली सरकार में विजिलेंस डिपार्टमेंट मनीष सिसोदिया के पास था, जिसके तहत साल 2015 में फीड बैक यूनिट (FBU) का गठन किया गया था। तब इसमें 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया। आरोप है कि FBU ने फरवरी 2016 से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की थी। यूनिट ने न सिर्फ बीजेपी के बल्कि AAP से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी थी। इतना ही नहीं, यूनिट के लिए LG से भी कोई अनुमति नहीं ली गई। इस मामले को लेकर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला रखा है। बीजेपी इस मामले को लेकर सीएम केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रही है।
Compiled: up18 News
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