उज्जैन में 30 साल के यस बैंक के डिप्टी मैनेजर हिमांशु राठौर ने आत्महत्या कर ली । उसने अपनी बहन को आखिरी बार कॉल करके कहा था कि मैंने जहर खा लिया है। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उसकी शादी डेढ़ साल पहले ही हुई थी। 25 दिन पहले उसकी पत्नी ने बेटे को जन्म दिया था। परिजनों ने यस बैंक मैनेजमेंट पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बैंक में काम के प्रेशर के कारण वह डिप्रेशन में था।
उज्जैन में वृन्दावन धाम थाना क्षेत्र के नानाखेड़ा में हिमांशु राठौर (30) रहता था। वह यस बैंक की फ्रीगंज शाखा में डिप्टी मैनेजर था। बुधवार शाम हिमांशु ने छोटी बहन हिमानी काे फोन कर कहा कि मैंने जहर खा लिया है। बैंक डिटेल वाॅट्सऐप पर भेजी है। इसके बाद फोन काट दिया। बहन ने तुरंत हिमांशु के दोस्तों को बताया। दोस्त उसकी लोकेशन लेकर उसे घर लाए। तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कुछ समय पहले ही मृतक हिमांशु ने मकान के लिए 16 लाख रुपये का लोन लिया था। एक और इस लोन को भरने का टेंशन था और दूसरी ओर बैंक में टारगेट पूरे न होने की वजह से नौकरी जाने का डर था। इस वजह से वह डिप्रेशन में जा रहा था। परिजनों ने बताया कि इन्हीं कारणों से उसने डिप्रेशन में यह आत्मघाती कदम उठा लिया।
हिमांशु अपनी छोटी बहन हिमानी से बहुत प्यार करता था। उसने वॉट्सऐप पर मैसेज भेजा था, जिसमें अकाउंट के संबंध में जानकारी थी। मैसेज में हिमांशु ने लिखा कि एक्सिस बैंक के खाते में 4.5 लाख रखे हैं, उसी में डीमेट अकाउंट है। उसमें भी तीन लाख के शेयर हैं। दो पॉलिसी हैं। कोटक और एलआईसी में साथ ही यस बैंक में 12 हजार रुपए रखे हैं।
हिमांशु के भाई पवन राठौर ने बताया कि डेढ़ महीने पहले हिमांशु ने कोटक महिंद्रा बैंक से स्विच कर नई नौकरी जॉइन की थी। यहां उसे काम का बहुत ज्यादा प्रेशर था। यह बात उसने परिवार और दोस्तों से भी साझा की थी। पिछले पांच दिन से डिप्रेशन में था। हिमांशु ने घर पर पहली मंजिल को बनाने के लिए बैंक से 16 लाख का लोन ले रखा था। इसकी किश्त भी आ रही थी।
हिमांशु के दोस्त ऋतुराज ने बताया कि रविवार को एक दोस्त ने बताया था कि नई नौकरी के बाद हिमांशु परेशान रहता है। कोटक महिंद्रा से नौकरी छोड़ने के बाद HDFC और यस बैंक से भी ऑफर था। यस बैंक ने ज्यादा सैलरी दी, तो वहां जॉइन कर लिया। इसके बाद मई की शुरुआत में हिमांशु पिता बना। इसके बाद बैंक वाले हिमांशु को काम का प्रेशर देने लगे। हिमांशु ने दोस्तों को कहता था कि बैंक वालों ने कहा है कि एक महीना और काम कर लो, उसके बाद छोड़ देना। इसी को लेकर वह डिप्रेशन में रहने लगा। हालांकि मैं उसे ऐसे दोस्तों के पास ले गया, जो 20 हजार की सैलरी में भी मस्ती से काम कर रहे हैं।
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