ठीक 75 साल पहले आज के दिन ही तिरंगे को मिली थी राष्‍ट्रध्‍वज के रूप में मान्‍यता

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क्‍या हैं झंडा फहराने, लहराने के नियम?

राष्‍ट्रध्‍वज को कभी भी किसी चीज को कवर करने के लिए नहीं इस्‍तेमाल किया जा सकता।
राष्‍ट्रध्‍वज को रेलिंग से लटकाया या बांधा नहीं जा सकता।
किसी भी सभा में राष्‍ट्रीय ध्‍वज का सिरा देखने वालों के दायीं तरफ होना चाहिए।
अगर वक्‍ता के पास ध्‍वज प्र‍दर्शित किया गया है तो यह उसके दायीं ओर रहना चाहिए।
मार्च करते समय राष्‍ट्रध्‍वज या तो दायीं ओर या बीच में होना चाहिए।

तिरंगे का सम्‍मान करना अनिवार्य

भारतीय ध्‍वज संहिता कहती है कि खादी के अलावा किसी और चीज से बना राष्‍ट्रध्‍वज फहराने पर तीन साल की जेल और जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
खादी से राष्‍ट्रध्‍वज बनाने को लेकर साफ गाइडलाइंस हैं। मसलन लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 2:1 होना चाहिए।
किसी भी स्थिति में केसरिया रंग वाली पट्टी नीचे नहीं होनी चाहिए।
राष्‍ट्रध्‍वज का जमीन से संपर्क नहीं होने देना चाहिए।
राष्‍ट्रध्‍वज को सजावट के सामान की तरह इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता।
कागज के बने राष्‍ट्रध्‍वज को कार्यक्रम के बाद जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए। उसका पूरा सम्‍मान करते हुए डिस्‍पोज किया जाना चाहिए।

आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्‍न मना रहा है भारत

आगामी 15 अगस्‍त को भारत अपनी स्‍वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे कर लेगा। सरकार ने इसे ‘आजादी का अमृत महोत्‍सव’ के रूप में मनाने की घोषणा कर रखी है। पिछले कई महीनों में विभिन्‍न आयोजन हुए हैं। पीएम मोदी ने शुक्रवार (22 जुलाई) को एक ट्वीट में लोगों से ‘हर घर तिरंगा’ आंदोलन का हिस्‍सा बनने की अपील की। उन्‍होंने कहा कि ’13 से 15 अगस्‍त के बीच अपने घरों में तिरंगा फहराएं।’

-एजेंसी


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