यूरोप की एक एनजीओ ‘ईयू डिसइन्फोलैब’ (EU DisinfoLab) ने भारत की प्रमुख समाचार एजेंसी ANI पर आरोप लगाए हैं कि वह ऐसे पत्रकारों, ब्लॉगर्स और राजनीतिक विशेषज्ञों की राय का इस्तेमाल करता है जो कहीं मौजूद नहीं हैं.
इन आरोपों का करारा जवाब देते हुए समाचार एजेंसी एएनआई की एडिटर इन चीफ स्मिता प्रकाश ने ट्वीट करते हुए लिखा, “एएनआई पाकिस्तान और चीन में हो रहे अत्याचारों पर रिपोर्ट करना जारी रखेगा. जो करना है, कर लो.”
स्मिता प्रकाश ने एक बयान भी जारी किया है. बयान में कहा गया गया है, “हमने ईयू डिसइन्फो की रिपोर्ट पढ़ी है और अपनी एजेंसी के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों का पूरी तरह से खंडन करते हैं.”
“इस ‘रिपोर्ट’ की हमें उम्मीद थी क्योंकि ऐसे ‘एनजीओ’ भारत में चुनावी मौसम आने पर नियमित रूप से एएनआई को निशाना बनाते हैं. हम पर 2019, 2020 में जो आरोप लगाए गए थे, उसे अब 2023 में भी दोहराया जा रहा है.”
‘ईयू डिसइन्फोलैब’ का कहना है कि समाचार एजेंसी एएनआई ने बार-बार एक थिंक टैंक के हवाले से कई बातें कहीं, वास्तव में वह थिंक टैंक 2014 में बंद कर दिया गया था.”
एनजीओ का आरोप है कि समाचार एजेंसी इन नकली पत्रकारों, राजनीतिक एक्सपर्ट और ब्लॉगर्स के पाकिस्तान और चीन विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा देने का काम करती है.
Compiled: up18 News