सांसें हमारे मस्तिष्क में मौजूद एक हिस्से ब्रेन स्टेम से संचालित होती हैं। जीवन के लिए महत्वपूर्ण यह प्रक्रिया स्वत: होती है यानी इसके लिए सोचकर प्रयास नहीं करना पड़ता। देखिए, जीवन की सर्वाधिक महत्वपूर्ण चीज़ कितनी आसानी से अनवरत आपको मिल रही है। दिनभर में कुछ मिनट अपनी इन सांसों का आनंद लेने को समर्पित करें।
आंखें बंद करें एवं सांस लेने की संपूर्ण प्रक्रिया को महसूस करें। धीमे-धीमे सांसों को भीतर जानें दें, गहरी सांस। सांस अंदर लेने की इस प्रक्रिया में महसूस करें कि जीवनदायिनी ऑक्सीजन माथे से होते हुए सम्पूर्ण मस्तिष्क में समा रही है, मस्तिष्क की कोशिकाओं को शांत, सुखी और स्वस्थ बना रही है। कुछ देर गहरी सांस फेफड़ों में भरकर धीमे-धीमे छोड़ें। पूरी सांस छोड़ने के बाद एक बार फिर सांस लें, धीमे-धीमे। ऑक्सीजन को मस्तिष्क में पहुंचता हुआ महसूस करें। इस तरह से रोज़ाना दस से बीस सांस आप कभी भी लें, बैठे हुए या लेटे हुए। धीमे-धीमे आपका मस्तिष्क शांत, ख़ुशहाल महसूस करने लगेगा। मैं स्वयं यह प्रक्रिया करता हूं और इसे मैंने ऑक्सीजन मेडीटेशन का नाम दिया है। बच्चे भी इसे कर सकते हैं।
सांसों और दिल को बेहतर स्वास्थ्य देने के लिए खेल, व्यायाम एवं संतुलित भोजन अहम है। इन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। इसके अलावा, धूम्रपान से दूर रहें, प्रदूषित वातावरण में ज़्यादा देर रहने से बचें, धूल-धुएं के क्षेत्र में मास्क का प्रयोग करें और ठंडी या गर्म हवाओं से बचने के प्रबंध करके चलें। इस मामले में यह न सोचें कि मैं तो जवान हूं, पूर्णत: स्वस्थ हूं, मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। कुछ भी ऐसा न करें जिससे श्वसन तंत्र को बेवजह कष्ट हो।
– एजेंसी
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