एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देने वाली कंपनी स्टारलिंक भारत में जल्द एंट्री लेने जा रही है। इससे पहले कंपनी को बिना लाइसेंस सर्विस शुरू करने के चलते प्रतबंधित कर दिया गया है। लेकिन इस बार एलन मस्क बाकायदा सभी सरकारी मंत्रालय से मंजूरी के बाद स्टारलिंग सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में हैं। इससे जियो और एयरटेल की मुसीबत बढ़ सकती है, क्योंकि सैटेलाइट इंटरनेट की रेस में एयरटेल और जियो दोनों शामिल हैं। एयरटेल वन वेब के साथ साझेदारी में सैटेलाइट सर्विस लॉन्च कर रही है। वही जियो लक्जमबर्ग की कंपनी SES के साथ सैटेलाइट सर्विस के लिए साझेदारी कर रही है।
कितनी मिलेगी स्पीड
ऐसा दावा किया जा रहा है कि स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की टॉप स्पीड 1.5 से 2Gbps हो सकती है। जैसा कि नाम से मालूम है यह एक सैटेलाइट सर्विस है। ऐसे में इसके लिए मोबाइल टॉवर की जरूरत नहीं होगी। इससे देश के दूरदराज के इलाकों में आसानी से इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी। स्टारलिंक 40 से ज्यादा देश में चालू है।
एलन मस्क की स्टारलिंग सर्विस में वाई-फाई राउटर, पावर सप्लाई, केबल और एक माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है। यह राउटर सैटेलाइट से कनेक्टेड रहता है।
क्यों लगा था स्टारलिंक पर प्रतिबंध
स्टारलिंक ने साल 2021 में बिना लाइसेंस सर्विस शुरू कर दिया था। साथ ही ग्राहकों से सर्विस शुरू होने से पहले प्री-ऑर्डर के तौर पर सिक्योरिटी मनी जमा करा ली थी। लेकिन भारत सरकार की तरफ से मंजूरी न मिलने के बाद एलन मस्क को प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा। साथ ही भारतीय ग्राहकों के पैसे भी वापस करने पड़े थे।
Compiled: up18 News
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