करोड़ों रुपए की ठगी के आरोप में राणा अयूब के खिलाफ ED की चार्जशीट दाखिल

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उसने कहा कि झुग्गी बस्ती में रहने वालों और किसानों के लिए धन जुटाने, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य करने और भारत में कोविड-19 से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए अयूब और उनकी टीम की मदद करने के लिए ये अभियान चलाए गए थे.

ईडी ने बताया कि जांच में पाया गया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुटाई गई धनराशि अयूब के पिता एवं बहन के खातों में भेजी गई थी और इसे बाद में उसके व्यक्तिगत खातों में हस्तांतरित किया गया.

एजेंसी ने कहा, ‘अयूब ने इन निधियों में से 50 लाख रुपये की राशि अपने सावधि जमा (एफडी) में रखी और 50 लाख रुपये एक नए बैंक खाते में भेजे गए. जांच में पाया गया कि राहत कार्य के लिए केवल 29 लाख रुपये का उपयोग किया गया था.’

अयूब ने 2.69 करोड़ रुपये ‘अवैध तरीके से’ जुटाए

बयान में कहा गया, ‘राहत कार्य के लिए अधिक राशि खर्च किए जाने का दावा करने के लिए अयूब ने फर्जी बिल जमा कराए.’ निदेशालय ने बताया कि अयबू के खातों में 1,77,27,704 रुपये (50 लाख रुपये की एफडी सहित) की राशि पीएमएलए के तहत कुर्क की गई.

ईडी ने आरोप लगाया कि अयूब ने 2.69 करोड़ रुपये ‘‘अवैध तरीके से’’ जुटाए और आमजन को ‘धोखा’ दिया. एजेंसी ने कहा, ‘इन निधियों का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था, बल्कि स्वयं के लिए संपत्ति के निर्माण में किया गया. अयूब ने इन निधियों को वैध दिखाने की कोशिश की है और इस तरह आम जनता से प्राप्त धन को लूटा गया.’

सरकारी मंजूरी के बिना या पंजीकरण कराए बिना विदेशों से भी जुटाया धन

इसमें कहा गया है, ‘अयूब ने ये निधि विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 के तहत अनिवार्य सरकारी मंजूरी के बिना या पंजीकरण कराए बिना विदेशों से भी प्राप्त की.’ धनशोधन का यह मामला दान दी गई निधियों में कथित अनियमितताओं को लेकर सितंबर, 2021 में दर्ज गाजियाबाद पुलिस की प्राथमिकी से संबंधित है.

-एजेंसी


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