उत्तर प्रदेश के हाथरस की डीएम अर्चना वर्मा इस समय चर्चा में आ गई हैं। उन्होंने अपने बेटे का दाखिला आंगनवाड़ी केंद्र में कराया है। अगर वह चाहतीं तो आसानी से किसी मिशनरी स्कूल या पब्लिक स्कूल में बच्चे का एडमिशन करा सकती थीं, लेकिन उन्होंने बेटे को सरकारी संस्थान आंगनवाड़ी केंद्र में दाखिला दिलाया है। आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चे का दाखिला करवा कर उन्होंने सभी सरकारी अफसर और कर्मचारियों के लिए एक मिशाल पेश कर दी है। उनके इस कदम ने चौंका दिया है।
वहीं, आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चे के दाखिले के बाद से स्थिति में सुधार हुआ है। इस प्रकार के प्रयासों से सरकारी शिक्षण संस्थाओं की महत्ता बढ़ने की भी बात कही जा रही है। आमतौर पर किसी भी बड़े अधिकारी के बच्चे मिशनरीज या फिर इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई करते दिखते हैं।
आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चे के एडमिशन को लेकर डीएम अर्चना वर्मा का कहना है कि मेरा बेटा अभी तो बहुत छोटा है। 17 महीना का हुआ है। इस कारण आंगनवाड़ी में दाखिला कराया है। इससे उसका सोशल स्किल्स की अच्छी तरह डेवलप होगा। आंगनवाड़ी अच्छी जगह है। गांव से भी बच्चे आते हैं। अलग-अलग जगह से बच्चे आते हैं। वहां वह बेहतर सीखता है। आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों के अच्छे विकास होने के चांसेज रहते हैं। वहां उसे अपनी उम्र के बच्चे मिलेंगे। आंगनवाड़ी में जो महिलाएं होती हैं, वह अच्छी ट्रेंड होती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम भी अब पूरा स्ट्रांग हो गया है। यहां किंडरगार्डन से बेहतर लर्निंग बच्चों की होती है। अगर यहां सभी लोग अपने बच्चों को भेजेंगे तो अच्छा ही होगा।
बस्ती की रहने वाली हैं अर्चना
हाथरस डीएम अर्चना वर्मा मूल रूप से बस्ती जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता दौलत राम वर्मा लखनऊ में डाक सहायक के पद पर कार्यरत रहे हैं। अर्चना वर्मा यूपी कैडर की 2014 बैच की अधिकारी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लखनऊ के पायनियर मान्टेसरी इंटर कॉलेज से हुई थी। इसके बाद कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सुल्तानपुर से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
इंजीनियरिंग करने के बाद उनका चयन यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर हुआ। वर्ष 2013 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और उनका सेलेक्शन हो गया। अर्चना वर्मा ने यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में 73वां स्थान हासिल किया था।
बाराबंकी में मिली थी पहली पोस्टिंग
2014 में अर्चना वर्मा को ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग बाराबंकी में मिली। उनकी तैनाती रामसनेही घाट के एसडीएम- ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर हुई। 24 मई 2016 को उनको ज्वाइंट मजिस्ट्रेट बाराबंकी नियुक्त किया गया। इसके बाद अर्चना वर्मा का तबादला गोंडा जिले की करनैलगंज तहसील में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर किया गया। 2018 में मुजफ्फरनगर जिले में बतौर सीडीओ के पद पर उनका ट्रांसफर हुआ। अर्चना वर्मा ने इसके बाद हापुड़ जिले के विकास प्राधिकरण में वीसी के पद को संभाला।
एक साल से है डीएम के पद पर तैनात
यूपी सरकार ने उनका तबादला 4 नवंबर 2022 को हाथरस जिले में डीएम के पद पर किया। करीब एक साल से वह हाथरस जिले की जिलाधिकारी है। अर्चना वर्मा नवंबर की शादी बिहार के मूल निवासी विपिन कुमार के साथ हुई है। उनके पति विपिन कुमार भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी हैं। अर्चना वर्मा की मानें तो उनके बाबा महादेव चौधरी उनके प्रेरणास्रोत हैं। वे निरंतर उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित करते रहते थे। आईएएस अधिकारी अर्चना वर्मा का मानना है कि सफलता के लिए विषय चयन के साथ ही व्यावहारिक दक्षता और निरंतर संवाद आवश्यक है।
-एजेंसी
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