दिनेश गुणावर्धने ने आज श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. गुणावर्धने की नियुक्ति छह बार के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति बनने के बाद हुई है. 73 साल के गुणावर्धने इससे पहले विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. अप्रैल में तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने उन्हें गृह मंत्री नियुक्त किया था.
प्रदर्शकारियों पर हुई कार्रवाई
श्रीलंका में विपक्ष के नेता सजिथ प्रेमदासा ने मध्य-रात्रि में प्रदर्शनकारियों के शिविरों को तोड़ने और उन्हें खदेड़ने की कार्रवाई की निंदा की है.
प्रेमदासा ने एक वीडियो री-ट्वीट करते हुए लिखा है- “शांतिपूर्ण तरीक़े से प्रदर्शन कर रहे लोगों के ख़िलाफ़ एक कायरतापूर्ण हमला. ये लोग पहले से ही घोषणा कर चुके थे कि वे साइट खाली कर देंगे, उसके बावजूद इस कार्रवाई से निर्दोष ज़िंदगियों को ख़तरे में डाला गया. यह श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचाने वाला है, यह सिर्फ़ अहंकार और ताक़त का एक औचित्यहीन प्रदर्शन है.”
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में मध्य रात्रि के दौरान सैकड़ों की संख्या में सैन्यबल प्रदर्शन-स्थल पर पहुंच गए और वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों के तंबुओं को नष्ट करने लगे. उन्होंने प्रदर्शनकारियों पर भी हमले किए.
श्रीलंका में हुई इस कार्रवाई पर दुनिया भर के देशों के राजनयिकों ने प्रतिक्रिया की है.
श्रीलंका में अमेरिका की राजदूत जूली चुंग ने ट्वीट किया है, “मध्यरात्रि में गॉल फ़ेस में प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई से चिंतित हैं. हम अधिकारियों से संयम बरतने और घायलों को तत्काल मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह करते हैं.”
श्रीलंका में ब्रिटिश हाई-कमीशन सारा हल्टन ने भी ट्वीट करके अपनी चिंता ज़ाहिर की है. उन्होंने ट्वीट किया है, “गाले फ़ेस विरोध-स्थल से आ रही रिपोर्ट्स के बारे में बहुत चिंतित हैं. हमने हमेशा से शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार को महत्वपूर्ण माना है.”
श्रीलंका में यूरोपीय संघ के राजनयिकों ने भी इस कार्रवाई के संबंध में चिंता ज़ाहिर की गई है. ट्वीट करके चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा गया है, “श्रीलंका जिस दौर में हैं, उस मौजूदा समय में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है.”
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में सुरक्षाबलों ने प्रदर्शकारियों के मुख्य धरना स्थल पर शुक्रवार तड़के धावा बोला. उन्होंने मुख्य प्रदर्शन-स्थल पर मौजूद तंबुओं को एक-एक कर गिरा दिया.
राष्ट्रपति भवन के भीतर मौजूद प्रदर्शनकारियों को बाहर निकालने के लिए भी दर्जनों की संख्या में पुलिस और कमांडो अंदर घुस गए और लोगों को बाहर खदेड़ दिया.
-एजेंसी
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