दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. ED ने दिल्ली में CM आवास पर 2 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया है. केजरीवाल ने जांच एजेंसी के समन को 9 बार नजरअंदाज किया और पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे. लगातार भेजे जा रहे समन पर भी जब केजरीवाल जांच एजेंसी के पास नहीं गए तो ED ने कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया. केजरीवाल को जब वहां भी राहत नहीं मिली, तब उन्होंने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया और वहां से भी उन्हें झटका मिला. इसके बाद से ही केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी.
ED ने केजरीवाल को बताया ‘साजिशकर्ता’
मालूम हो कि ED ने एक प्रेस नोट में केजरीवाल को मामले में ‘साजिशकर्ता’ कहा था. ED ने कहा कि भारत राष्ट्र समिति (BRS) नेता के कविता ने अब खत्म की जा चुकी शराब नीति को तैयार करते समय कथित तौर पर केजरीवाल और AAP नेताओं मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के साथ साजिश रची थी. कथित साजिश में एक ऐसी नीति बनाना शामिल था, जिससे दक्षिणी भारत की शराब लॉबी को फायदा पहुंचाया जा सके. इसे ED ने ‘साउथ लॉबी’ कहा था.
शराब घोटाला आखिर है क्या?
दिल्ली की केजरीवाल सरकार 2021-22 में नई शराब नीति लेकर आई थी, जिसमें घोटाले के आरोप लगे. दिल्ली सरकार के लिए नई शराब नीति उसके गले की फांस बन गई. मामले में दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने CBI जांच की शिफारिश कर दी. जिस समय नई शराब नीति लागू हुई, उस समय मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम थे और उनके पास ही दिल्ली का आबकारी विभाग भी था. शराब घोटाले के चलते ही मनीष सिसोदिया बीते साल फरवरी में गिरफ्तार हुए और अब तक जेल में हैं. दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया.
-एजेंसी
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