रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण ने दुनिया को यह संदेश दिया कि हालांकि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ और ‘अहिंसा परमो धर्म’ में विश्वास करता है, लेकिन यह किसी को भी संप्रभुता को नुकसान नहीं पहुंचाने देगा।
सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2023 को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत ने न केवल अपने लिए शांति की कामना की है बल्कि दुनिया को संदेश दिया है। भगवान बुद्ध और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे दूरदर्शी दुनिया को भारत की देन हैं। हमने कभी आक्रमण नहीं किया। किसी देश को गुलाम नहीं बनाया, लेकिन पोखरण परीक्षण ने संदेश दिया कि हम अपनी गरिमा के खिलाफ उठाए गए हर कदम का मुंहतोड़ जवाब देंगे.’
सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को देश की तकनीकी उपलब्धियों को स्वीकार करते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा बताया।
राष्ट्र की प्रगति में विज्ञान का महत्व
उन्होंने किसी राष्ट्र की प्रगति में विज्ञान के महत्व को रेखांकित करते हुए उसे शक्ति का स्रोत बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है। रक्षा मंत्री का मानना था कि भारत, जनसांख्यिकीय लाभांश के दौर से गुजर रहा है, जिसके पास एक शक्तिशाली मानव संसाधन है, जिसने इसे विश्व मंच पर एक सम्मानजनक स्थिति के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने एक मजबूत, समृद्ध और विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस मानव संसाधन के इष्टतम उपयोग का आह्वान किया।
दुनिया में उम्मीद की एक नई किरण
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वैश्विक पटल पर हमारा कद बढ़ा है और दुनिया में उम्मीद की एक नई किरण दिख रही है।”
Compiled: up18 News