भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने नकली दवाएं बनाने के मामले में 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि डीसीजीआई ने 20 राज्यों की 76 कंपनियों का निरीक्षण किया था। सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर सरकार कड़ी सख्ती कर रही है। इसी क्रम में, हिमाचल प्रदेश में 70, उत्तराखंड में 45 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार सबसे ज्यादा नकली दवाएं उत्तराखंड और हिमाचल में बनाई जा रही थीं। गौरतलब है इससे पहले पिछले साल दिसंबर में हिमालय मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। वहीं इस साल 7 फरवरी को 12 उत्पादों के निर्माण की अनुमति रद्द कर दी गई थी।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के बद्दी से श्री साई बालाजी फार्माटेक प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ और निर्माण बंद करने का नोटिस जारी किया गया था। दवाएं निरीक्षकों द्वारा अनुपालन के सत्यापन के बाद उत्पादन बंद करने के आदेश को रद्द कर दिया गया था।
ईजी फार्मास्यूटिकल्स, ग्राम मांधाला, तेह कसौली, जिला सोलन (हिमाचल प्रदेश) को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि जांच के बाद निर्माण रोकने पर लगे आदेश को रद्द कर दिया गया था। वहीं, एथेंस लाइफ साइंसेज, मौजा रामपुर जट्टान, नाहन रोड काला अंब, जिला सिरमौर 173030 (हिमाचल) को केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। साथ ही लेबोरेट फार्मास्यूटिकल्स इंडिया लिमिटेड, (यूनिट-II), राजबन रोड, नारीवाला, पांवटा साहिब (हिमाचल) को चेतावनी जारी की गई और कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
हिमाचल के सोलन में जीएनबी मेडिका लैब को टैबलेट, कैप्सूल, ड्राई सिरप (बीटा-लैक्टम), इंजेक्टेबल (लिक्विड इंजेक्शन-वायल, एम्पाउल्स और पीएफएस) सैशे और प्रोटीन पाउडर (जनरल सेक्शन) को कारण बताओ नोटिस जारी कर निर्माण बंद करने के लिए कहा गया।
इसके अलावा ग्नोसिस फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड, नाहन रोड, ग्राम मोगीनंद, काला अंब, सिरमौर (हिमाचल) को कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए शो कॉज और स्टॉप मैन्युफैक्चरिंग नोटिस दिया गया था।
फरीदाबाद में पंजीकृत नेस्टर फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को इस साल 30 जनवरी को कारण बताओ नोटिस दिया गया था। अनुपालन जमा करने के बाद फर्म का फिर से निरीक्षण किया गया और नियमों के पालन के लिए सख्त चेतावनी दी गई थी।
बता दें कि नकली दवाओं के निर्माण से जुड़ी देश भर की फार्मा कंपनियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई अभी भी जारी है।
Compiled: up18 News