मदरसों के सर्वे पर योगी सरकार के खिलाफ दारुल उलूम का सम्मेलन अब 18 सितंबर को

Regional

सरकार के गैर मान्यता प्राप्त व स्ववित्त पोषित मदरसों का सर्वे कराने के फैसले से इस्लामिक जगत में लगातार बेचैनी बनी हुई है।

प्रदेश सरकार के इस निर्णय को मदरसा संचालक गैर जरूरी हस्तक्षेप बताते हुए इसकी पुरजोर मुखालिफत कर रहे हैं। इस्लामी तालीम के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने सरकार के फैसले पर विचार विमर्श करने और लाइन ऑफ एक्शन तैयार करने के लिए देवबंद में 24 सितंबर को यूपी के मदरसों का सम्मेलन बुलाया था। लेकिन सरकार के सर्वे कार्य मे तेजी को देखते हुए अब सम्मेलन की तिथि को बदल कर 18 सितंबर किया गया है।’

इसमें उत्तर प्रदेश के 250 से अधिक वो मदरसे शामिल होंगे जो दारुल उलूम से संबद्ध हैं। शनिवार को संस्था के मोहतमिम मुफ़्ती अबुल कासिम नोमानी ने बयान जारी कर तारीख बदले जाने की जानकारी दी है।

साथ ही कहा है कि सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी उलमा से विचार विमर्श के बाद मसले पर दारुल उलूम अपना रुख स्पष्ट करेगा। बता दें कि सर्वे कराने के संबंध में  उत्तर प्रदेश मदरसा परिषद के रजिस्ट्रार जगमोहन सिंह ने प्रदेश के सभी जनपदों के अल्पसंख्यक अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई में तेजी लाने को कहा था। आज से सर्वे के लिए टीम गठित किए जाने का कार्य शुरू हो चुका है।

-एजेंसी


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.