केंद्र सरकार ने सेना में छोटी अवधि की नियुक्तियों की घोषणा की है. सरकार ने इसे ‘अग्निपथ योजना’ का नाम दिया है. योजना के मुताबिक सेना में चार साल के लिए युवाओं की भर्ती होगी, जिन्हें अग्निवीर बुलाया जाएगा.
योजना के तहत भर्ती किए गए 25 प्रतिशत युवाओं को भारतीय सेना में चार साल के बाद आगे बढ़ने का मौका मिलेगा जबकि बाकी अग्निवीरों को नौकरी छोड़नी होगी.
अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से देश के कई हिस्सों में छात्र इसका विरोध कर रहे हैं. कई राज्यों में आगजनी, पत्थरबाज़ी की घटनाएं घटीं.
भारत पहली बार सेना में कम अवधि के लिए युवाओं को भर्ती करने जा रहा है. सरकार का कहना है कि विदेशों में भी सेना में इस तरह की भर्तियां होती रही हैं.
भारत की तरह दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां कम अवधि के लिए सेना में भर्तियां होती हैं लेकिन ज़रूरी बात यहां ये है कि इन देशों में सेना में सेवा देना अनिवार्य है और इसके लिए कानून बनाया हुआ है, लेकिन अग्निपथ योजना में ऐसा नहीं है. तो आइये जानते हैं कि ऐसे कौन-कौन से देश हैं जहां अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान है.
इसराइल
इसराइल में सैन्य सेवा पुरुषों और महिलाओं के लिए अनिवार्य है. पुरुष इसरायली रक्षा बल में तीन साल और महिलाएं लगभग दो साल तक सेवा करती हैं. यह देश और विदेश में इसरायली नागरिकों पर लागू होता है.
नए अप्रवासियों और कुछ धार्मिक समूहों के लोगों को मेडिकल के आधार पर इस नियम से छूट दी गई है.
इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में एथलीट कम समय के लिए सेवा दे सकते हैं.
दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया में राष्ट्रीय सैन्य सेवा के लिए एक मज़बूत सिस्टम बना हुआ है. शारीरिक रूप से सक्षम सभी पुरुषों को सेना में 21 महीने, नौसेना में 23 महीने या वायु सेना में 24 महीने की सेवा देना अनिवार्य है.
इसके अलावा दक्षिण कोरिया में पुलिस, तटरक्षक, अग्निशमन सेवा और कुछ विशेष मामलों में सरकारी विभागों में भी नौकरी करने का विकल्प मिलता है.
हालांकि ओलंपिक या एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सेना में अनिवार्य रूप से सर्विस करने से छूट मिलती है. मेडल नहीं लाने वाले खिलाड़ियों को वापस आकर सेना में अपनी सेवा देनी पड़ती है.
उत्तर कोरिया
उत्तर कोरिया में सबसे लंबी अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान है. इस देश में पुरुषों को 11 साल और महिलाओं को सात साल सेना में नौकरी करनी पड़ती है.
इरीट्रिया
अफ्ऱीकी देश इरीट्रिया में भी राष्ट्रीय सेना में अनिवार्य रूप से सेवा देने का प्रावधान है. इस देश में पुरुषों, युवाओं और अविवाहित महिलाओं को 18 महीने देश की सेना में काम करना पड़ता है.
मानवाधिकार संगठनों के मुताबिक इरीट्रिया में 18 महीने की सेवा को अक्सर कुछ सालों के लिए बढ़ा दिया जाता है. कभी कभी तो इसे अनिश्चित काल के लिए भी कर दिया जाता है.
इरीट्रिया में इस तरह के फैसले से युवा देश छोड़कर भाग रहे हैं. कई लोगों ने ब्रिटेन में शरण भी मांगी है क्योंकि वे सेना में अनिवार्य सेवा नहीं करना चाहते.
स्विट्ज़रलैंड
स्विट्ज़रलैंड में 18 से 34 वर्ष की आयु के पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. स्विट्ज़रलैंड ने इसे ख़त्म करने के लिए साल 2013 में मतदान किया था.
साल 2013 में तीसरी बार था जब इस मुद्दे को जनमत संग्रह के लिए रखा गया था.
स्विट्ज़रलैंड में अनिवार्य सेवा 21 सप्ताह लंबी है, इसके बाद सालाना अतिरिक्त प्रशिक्षण दिया जाता है.
अनिवार्य सेना को ज्वाइन करने का नियम देश में महिलाओं पर लागू नहीं होता है, लेकिन वे अपनी मर्ज़ी से सेना में भर्ती हो सकती हैं.
ब्राज़ील
ब्राजील में 18 साल के पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. ये अनिवार्य सेना 10 से 12 महीने के बीच रहती है. स्वास्थ्य कारणों के चलते सेना में अनिवार्य रूप से सेवा देने के मामले में छूट मिल सकती है.
अगर कोई युवा विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है तो उसे कुछ समय के बाद सेना में अनिवार्य सेवा के लिए जाना होगा.
सैनिकों को इसके लिए छोटा वेतन, भोजन और बैरक में रहने के लिए मिलता है.
सीरिया
सीरिया में पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. मार्च 2011 में राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अनिवार्य सैन्य सेवा को 21 महीने से घटाकर 18 महीने करने का फैसला लिया था.
जो व्यक्ति सरकारी नौकरी करते हैं और वे अगर अनिवार्य सैन्य सेवा नहीं करते तो उनकी नौकरी जा सकती है. एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि अनिवार्य सैन्य सेवा से भागने वालों को 15 साल की जेल का सामना करना पड़ा है.
जॉर्जिया
जॉर्जिया में एक साल के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा है. इसमें तीन महीने के लिए युद्ध प्रशिक्षण दिया जाता है, बचे हुए 9 महीनों ड्यूटी ऑफिसर की तरह काम करना पड़ता है जो पेशेवर सेना की मदद करते हैं.
जॉर्जिया ने अनिवार्य सैन्य सेवा को बंद कर दिया था लेकिन 8 महीने के बाद ही इसे साल 2017 में फिर से शुरू कर दिया.
लिथुआनिया
लिथुआनिया में अनिवार्य सैन्य सेवा को साल 2008 में खत्म कर दिया था. साल 2016 में लिथुआनिया की सरकार ने पांच साल के लिए इसे फिर से शुरू किया. सरकार का कहना था कि बढ़ते रूसी सैन्य खतरों के जवाब में ऐसा किया गया है.
लेकिन 2016 में फिर से शुरू कर दिया गया. यहां 18 से 26 साल के पुरुषों को एक साल के लिए सेना में अनिवार्य रूप से सेवा देनी पड़ती है.
इसमें विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों और सिंगल फादर को नियम से छूट मिली हुई है.
2016 में इसे लागू करते हुए राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा था कि उम्मीद है सालाना ड्यूटी के लिए 3500 लोगों को बुलाया जाएगा.
स्वीडन
स्वीडन ने 100 सालों के बाद अनिवार्य सैन्य सेवा को 2010 में ख़त्म कर दिया था. साल 2017 में इसे फिर से शुरू करने के लिए मतदान किया गया.
इस फै़सले के बाद जनवरी 2018 से 4000 पुरुष और महिलाओं को अनिवार्य सैन्य सेवा में बुलाने का फैसला लिया गया. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक साल 2025 तक 8 हज़ार पुरुष और महिलाओं को अनिवार्य सैन्य सेवा के लिए लिया जाएगा.
इसके अलावा तुर्की में 20 साल से अधिक आयु के सभी पुरुषों के लिए सैन्य सेवा अनिवार्य है. उन्हें 6 से 15 महीने के बीच सेना में सेवा देनी पड़ती है.
ग्रीस में 19 साल के पुरुषों के लिए 9 महीने की सैन्य सेवा अनिवार्य है. इसके अलावा ईरान में 18 साल से अधिक आयु के पुरुषों को 24 महीने सेना में नौकरी करनी पड़ती है. क्यूबा में 17 से 28 साल की आयु के पुरुषों को 2 साल तक अनिवार्य सैन्य सेवा करनी है.
-एजेंसियां