कफ सिरप कांड: तस्करी की काली कमाई से बने आलीशान ठिकाने, 25 जगहों पर ईडी की 36 घंटे से छापेमारी

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लखनऊ: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कफ सिरप तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क पर लगातार शिकंजा कस रहा है। लखनऊ समेत देश के कई शहरों में 25 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी पिछले 36 घंटे से जारी है। जांच में सामने आया है कि तस्करी से अर्जित काली कमाई से आरोपियों ने करोड़ों रुपये खर्च कर आलीशान घर, महंगे इंटीरियर और लग्जरी सामान खरीदे।

ईडी की रांची में शुभम जायसवाल की फर्म शैली ट्रेडर्स के ठिकानों पर की गई छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच के दौरान 189 फर्जी फर्मों का ब्योरा मिला, जिनके जरिए करीब 450 करोड़ रुपये का टर्नओवर दर्शाया गया था। अधिकारियों के अनुसार यह लेन-देन कफ सिरप की अवैध तस्करी को छिपाने के लिए कागजों पर दिखाया गया था।

वाराणसी स्थित शुभम जायसवाल के आवास से बड़ी मात्रा में लग्जरी सामान भी बरामद हुआ है। इनमें प्रादा और गुच्ची जैसे ब्रांड के डिजाइनर बैग, राडो और ऑडेमर्स पिगुएट की हाई-एंड घड़ियां शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 1.5 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।

जांच में यह भी सामने आया है कि शुभम जायसवाल के साथ बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह, सहारनपुर के विभोर राणा और विशाल सिंह ने तस्करी से हुई कमाई को अपने आलीशान घरों पर खर्च किया। सभी के आवासों में महंगे इंटीरियर और लग्जरी निर्माण कार्य कराए गए हैं। ईडी अब सरकार से अधिकृत वैल्यूअर के जरिए इन संपत्तियों और इंटीरियर की कीमत का आकलन करा रही है, ताकि आगे चलकर जब्ती की कार्रवाई की जा सके।

आलोक सिंह के घर पर करोड़ों का खर्च

बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह के आवास की जांच में सामने आया है कि महलनुमा घर के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किए गए। शुरुआती जांच में केवल कंस्ट्रक्शन की लागत करीब 5 करोड़ रुपये आंकी गई है, जिसमें जमीन की कीमत शामिल नहीं है। चूंकि यह मकान राजधानी के पॉश इलाके में स्थित है, इसलिए जमीन की कीमत का अलग से मूल्यांकन कराया जा रहा है।

फार्मा कंपनियों की संलिप्तता भी उजागर

ईडी की जांच में मेसर्स आर्पिक फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड की भूमिका भी सामने आई है। कंपनी पर कोडीन-बेस्ड कफ सिरप के गैर-कानूनी व्यापार और डायवर्जन में शामिल होने के आरोप हैं। छापेमारी के दौरान कई करोड़ रुपये के बिना हिसाब के लेन-देन का पता चला है। जांच एजेंसी का दावा है कि आर्पिक फार्मा अपनी सहयोगी कंपनी मेसर्स इधिका लाइफ साइंसेज के साथ मिलकर कफ सिरप की तस्करी कर रही थी।

36 घंटे से जारी कार्रवाई

ईडी की टीमें दूसरे दिन भी लगातार कार्रवाई में जुटी रहीं। लखनऊ, वाराणसी, अहमदाबाद, जौनपुर, सहारनपुर और रांची में एक साथ छापेमारी की गई है। लखनऊ में आरोपी आलोक सिंह के ठिकानों पर भी जांच जारी है।

इससे पहले कफ सिरप की कालाबाजारी के मामले में 11 अक्टूबर को कृष्णानगर क्षेत्र से दीपक मानवानी की गिरफ्तारी के बाद उसके दो सहयोगियों सूरज मिश्र और प्रीतम सिंह को भी पुलिस ने पकड़ा है। हालांकि इस नेटवर्क से जुड़ा एक अन्य आरोपी आरुष सक्सेना अब भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।