उत्तर कोरिया में कोरोना संक्रमण की पहली बार आधिकारिक पुष्टि हुई है. संक्रमण की पुष्टि होने के बाद से देश भर में सख़्त लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई है.
देश के सरकारी मीडिया के अनुसार देश की राजधानी प्योंगयांग में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले का पता चला है. हालांकि कितने लोग संक्रमित हुए हैं, इस संबंध मे कोई जानकारी नहीं दी गयी है.
केसीएनए के मुताबिक़, “यह सबसे बड़ी आपातकाल स्थिति है जिसने देश के क्वारंटीन नियमों को नाकाफ़ी साबित कर दिया है. देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन अधिकारियों से आपात बैठक कर रहे हैं ताकि देश को इस स्थिति के लिए तैयार किया जा सके.”
हालांकि जानकारों का मानना है कि उत्तर कोरिया से भले ही पहली बार कोरोना संक्रमण की ख़बर आई हो लेकिन देश इस संक्रमण से अछूता नहीं था. देश में लंबे समय से संक्रमण मौजूद रहा होगा.
उत्तर कोरिया ने अपने देश में कोविड-वैक्सीन प्रोग्राम नहीं चलाया. उत्तर कोरिया ने चीन में बनी वैक्सीन सिनोवैक और रूस में बनी एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया था.
उत्तर कोरिया ने कोरोना महामारी से दूर रहने के लिए जो सबसे अहम और पहला क़दम उठाया था, वह था- अपनी सीमाओं को बंद कर देना.
महामारी के पहले शुरुआती चरण से ही उत्तर कोरिया ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था. इसके कारण देश को गंभीर आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ा था.सीमाएं बंद हो जाने से खाद्यान्न की सप्लाई बंद हो गयी थी.
महामारी के शुरुआती दौर में ऐसी कई रिपोर्ट्स आई थीं, जिसमें देश में कोरोना के कई मामलों के होने को लेकर संदेह जताया गया था.
आश्चर्य इस बात को लेकर भी जताया गया था कि पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया और चीन में कोरोना के मामले होने के बावजूद, उत्तर कोरिया में कैसे कोई भी केस नहीं है. मौजूदा समय में चीन एकबार फिर बढ़ते कोरोना मामलों स जूझ रहा है.
-एजेंसियां
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