सदन में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म करने पर बनी सहमति, कांग्रेस अडानी मुद्दे पर अड़ी

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सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म करने पर सहमति बन गई. अब मंगलवार से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी. सोमवार को बुलाई गई फ्लोर लीडर्स की बैठक में बीजेपी और विपक्षी दल संसद में गतिरोध दूर करने के लिए सहमत हो गए हैं.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म करने पर सहमति बन गई, मंगलवार से संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलेगी. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि बीजेपी और विपक्षी दल संसद में गतिरोध दूर करने के लिए सहमत हो गए हैं.

कांग्रेस सदन के अंदर और बाहर भी अडानी के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोल रही है. इंडिया गठबंधन में सहयोगी टीएमसी की अडानी गुद्दे पर कांग्रेस से अलग राय है. वो और भी मुद्दे उठाने की बात करती है. ऐसा न होने पर उसने टीएमसी और सपा ने इंडिया गठबंधन की बैठक में आना भी बंद कर दिया है.

टीएमसी-सपा का क्या कहना है?

दोनों दलों (टीएमसी और सपा) का कहना कि अडानी मामला उठा लिया लेकिन कांग्रेस उसी पर अड़ी है. कांग्रेस संभल, बंगलादेश और मणिपुर के मुद्दे पर क्यों नहीं आती. उधर, सरकार ने कांग्रेस के अडानी मुद्दे को पीछे किया है. सपा के संभल, टीएमसी के बंगलादेश मुद्दे पर चर्चा के लिए मान गई है.

संविधान पर चर्चा की बनी बात

ये सरकार को भी सूट करता है जो बटेंगे तो कटेंगे’, ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के बयान पर बढ़ रही है. इंडिया गठबंधन में दरार दिखाने में सरकार ने कदम उठाया तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस से बात बनी कि संविधान पर दो दिन की चर्चा हो जाए, उसमें कांग्रेस अडानी से लेकर जो चाहे मुद्दा उठा ले और सरकार अडानी मसले पर बैकफुट पर भी न दिखे.

सरकार और विपक्ष के बीच इस सहमति के साथ ही तय हुआ है कि देश के संविधान के 75 साल पूरे होने पर 13-14 दिसंबर को संसद के निचले सदन लोकसभा में और 16-17 को उच्च सदन राज्यसभा में चर्चा होगी. इसमें पीएम मोदी का भी संबोधन हो सकता है. दरअसल, विपक्ष ने संविधान सभा से मांग की थी कि संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर दोनों सदनों में चर्चा हो.