गांधी जयंती पर आयोजित होंगे जागरुकता कार्यक्रम
आगरा: कुष्ठ रोग कोई दैवीय आपदा नहीं है, बल्कि यह एक बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती है। इस कारण कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करें। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोग व कुष्ठ रोगियों के प्रति लोगों को काफी जागरुक किया था। इस कारण कुष्ठ रोगी भी मुख्यधारा से जुड़े हैं। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने दी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि कुष्ठ रोग माइक्रो वेक्टीरियम लैप्री नामक जीवाणु से होता है। यह साथ खाने, उठने, बैठने से नहीं फैलता है। यह आनुवांशिक एवं छुआछूत रोग नहीं है। इस कारण कुष्ठ रोगियों के साथ भेदभाव न करें| यदि किसी को कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई दें तो उसकी जांच कराएं। कुष्ठ रोग की जांच व उपचार निःशुल्क हैं। समय से जांच और उपचार कराने से दिव्यांगता से भी बचा जा सकता है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि जनपद में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक कुल 78 कुष्ठ रोगी मिले। अप्रैल 2022 से अब तक 51 नए कुष्ठ रोगी मिल चुके हैं।
डीएलओ ने बताया कि कुष्ठ रोग से डरने की आवश्यकता0 नहीं है। शरीर का कोई भी दाग धब्बा जिस पर सुन्नपन हो, उसमें खुजली ना हो, पसीना ना आता हो, कुष्ठ रोग हो सकता है। वहीँ कान पर गांठे होना, हथेली और तलवों पर सुन्नपन होना कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं।
उप जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. ध्रुव ने बताया कि गांधी जयंती के अवसर पर ताजगंज स्थित गांधी ग्राम कुष्ठ रोग आश्रम में कुष्ठ रोगियों को एमसीआर चप्पल, वैशाखी व रूई, पट्टी और दवाइयों का वितरण किया जाएगा। इस अवसर पर कुष्ठ रोग से बचाव और उपचार के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी।
नॉन मेडिकल असिस्टेंट राकेश बाबू ने बताया पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में चिन्हित हुए मरीजों को उपचारित कर दिया गया है l अप्रैल 2022 से अब तक के 51 नए मरीजों का उपचार चल रहा है l
-up18news
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