नई दिल्ली। कर्नाटक के बेंलगुरु में कन्नड़ भाषा में साइनबोर्ड नहीं लिखने के खिलाफ कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बाद सीएम सिद्धारमैया ने फरमान जारी किया है कि पूरे राज्य में साइनबोर्ड का 60 फीसदी हिस्सा कन्नड़ में लिखना अनिवार्य होगा. 28 फरवरी तक इसकी समय सीमा तय की गई है.
सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक में कन्नड़ आधिकारिक भाषा है. कन्नड़ भाषा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं है. सरकारी नियमों का पालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई. सीएम सिद्धारमैया ने दोहराया कि यह पूरे कर्नाटक पर लागू होता है.
गौरतलब है कि कन्नड़ में साइनबोर्ड नहीं लिखने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद कन्नड़ समर्थक संगठन राज्य सरकार के खिलाफ भड़क उठे थे.
अब इसके बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने अचानक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि साइनबोर्ड का 60 फीसदी हिस्सा कन्नड़ में होना चाहिए. उन्होंने कन्नड़ में बोर्ड लिखे जाने की समय सीमा तय कर दी.
उन्होंने कहा कि 28 फरवरी 2024 तक दुकानों का बोर्ड बदल दिया जाना चाहिए. विज्ञापनों में भी सरकारी नियमों का पालन होना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि इसे नहीं मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले साल 2018 में इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया था कि साइनबोर्ड का 50 फीसदी कन्नड़ में होनी चाहिए. शेष आधा भाग किसी अन्य भाषा में होना चाहिए. अब यह नियम बनाए गये हैं कि साइनबोर्ड का 60 फीसदी हिस्सा कन्नड़ में होना चाहिए. पिछले सर्कुलर में यह 50% था. आज की बैठक में इसमें संशोधन करने का निर्णय लिया गया.
-एजेंसी