उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग से मज़दूरों के सुरक्षित निकलने के बाद चिन्यालीसौड़ स्थित अस्पताल जाकर सभी मज़दूरों से मुलाक़ात की और उनका हालचाल जाना.
उन्होंने इस दौरान सभी 41 मज़दूरों को एक एक लाख रुपये का चेक सौंपा. सामने आए वीडियो में अपने अपने बेड पर बैठे लगभग सभी मज़दूर स्वस्थ दिख रहे हैं.
इस मुलाक़ात के बाद सीएम धामी ने कहा, “मैं सबसे (श्रमिकों से) मिला, सबका हाल-चाल लिया. सभी लोग स्वस्थ और प्रसन्न हैं. सभी श्रमिक उत्तराखंड सरकार और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद कर रहे हैं. हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें नरेंद्र मोदी जैसा नेतृत्व मिला है. पूरे देश ने देखा कि जब हमारे श्रमिक भाई सुरंग के अंदर थे, तो इस बचाव अभियान में दुनिया के सबसे अच्छे प्रयास किए गए. चिकित्सकों की सलाह के अनुसार, ऋषिकेश एम्स में भी उनकी जांच होगी.”
इससे पहले आज (बुधवार) सुबह समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से आए एक वीडियो में दिखा कि इन मजदूरों की मेडिकल जांच हुई. इस वीडियो में इन मज़दूरों को नाश्ता करते हुए भी देखा गया था.
मुख्यमंत्री ने अस्पताल पहुंचने से पहले राहत और बचाव कार्य में अहम भूमिका निभाने वाले अर्धसैनिक बल आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की. उन्होंने मज़दूरों के परिजनों से भी मुलाक़ात की.
सीएम आवास पर आज मनेगा ‘इगास बग्वाल’
इस बीच एलान किया गया है कि आज सीएम धामी के सरकारी आवास पर ‘इगास बग्वाल’ (एकादशी की दिवाली) मनाया जाएगा.
दिवाली की सुबह सिलक्यारा सुरंग का निर्माणाधीन एक हिस्सा ढह जाने के बाद सुरंग में 41 मजदूर फंस गए थे. उसके बाद 17 दिन तक चले राहत और बचाव कार्य के बाद मंगलवार रात उन सबको सुरक्षित निकाल लिया गया.
जाँच के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर के ज़रिए ऋषिकेश एम्स रवाना हुए मजदूर
सुरंग से सुरक्षित निकाले गए मज़दूर आगे की जाँच के लिए चिनूक हेलीकॉप्टर के ज़रिए ऋषिकेश एम्स ले जाए जा रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई की ओर से जारी एक वीडियो में ये सभी 41 मज़दूर उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर खड़े भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की ओर जाते दिख रहे हैं.
एम्स, ऋषिकेश में हुई तैयारियों पर देहरादून की ज़िलाधिकारी सोनिका ने बताया कि “एम्स का अपना प्रोटोकॉल और पूर्व निर्धारित प्रक्रिया है. उसी के अनुसार यहां तैयारियां की गई हैं.”
इससे पहले सुरंग से निकालने के बाद उन्हें मंगलवार की रात चिन्यालीसौड़ क सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था.
प्रशासन ने पहले ही बताया था कि डॉक्टरों की ओर से सभी के शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ होने का एलान किए जाने के बाद ही उन्हें उनके घर भेजा जाएगा. अधिकतर मज़दूर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के हैं.
Compiled: up18 News
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