HDFC बैंक और HDFC के विलय प्रस्ताव को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE की मंजूरी मिल गई है। एचडीएफसी बैंक की ओरा से दी गई जानकारी के अनुसार दोनों ही स्टॉक एक्सचेंजों ने विलय के इस प्रस्ताव पर किसी भी तरह की आपत्ति नहीं जताई है। यह कंपनी के लिहाज से बढ़िया खबर है। हालांकि, विलय प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद भी सोमवार को दोनों ही कंपनियों के शेयर पर दबाव देखने को मिल रहा है।
एचडीएफसी बैंक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बीएसई की ओर से मिले ऑब्जर्वेशन लेटर में में किसी भी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं की गई है। एनएसई की ओर से मिले पत्र में भी कोई आपत्ति नहीं जतायी गई है। कंपनी को ये दोनों पत्र 2 जुलाई 2022 को प्राप्त हुए हैं।
आपको बता दें कि इस साल अप्रैल महीने में एचडीएफसी बैंक के विलय का एलान किया गया था। इस विलय प्रस्ताव को अभी दूसरी रेगुलेटरी बॉडीज की मंजूरी मिलनी बाकी है। एचडीएफसी बैंक की ओर से कहा गया है कि इस विलय प्रस्ताव को आरबीआई, सीसीआई, नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल और दोनों कंपनियों के शेयरधारकों की मंजूरी मिलनी बाकी है।
विलय प्रस्ताव में एचडीएफसी के शेयरधारकों को हर 25 शेयरों के एवज में एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे। विलय के बाद एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैप 12.8 लाख करोड़ का हो जाएगा। वहीं इसकी बैलेंसशीट 17.9 लाख करोड़ की हो जाएगी।
इस विलय के साथ ही एचडीएफसी की सब्सिडियरी कंपनियों का विलय भी एचडीएफसी बैंक के साथ हो जाएगा। इससे एचडीएफसी बैंक को काफी मजबूती मिलेगी। इस मर्जर के साथ ग्राहकों को एक ही जगह से बैंकिंग और होम लोन जैसी दूसरी सुविधाएं मिल सकेंगी। आपको बता दें कि वर्तमान में एचडीएफसी बैंक देश में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक है।
-एजेंसियां
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