जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन घोटाले में ई़डी ने फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। ईडी की चार्जशीट में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला समेत कई अन्य अधिकारियों के नाम भी है। स्पेशल कोर्ट ने सभी को 27 अगस्त को तलब किया है।
एजेंसी का कहना है कि जेकेसीए के तत्कालीन पदाधिकारियों एहसान अहमद मिर्जा, सलीम खान, मीर मंजूर गजनफर, गुलजार अहमद ने डॉ. फारूख अब्दुल्ला के साथ मिलकर जेकेसीए के खाते से 51.90 करोड़ रुपये निकलवा लिए। ईडी ने जेके बैंक के एक्जीक्यूटिव बशीर अहमद मिसगर को भी आरोपी बनाया है।
फारूक अब्दुल्ला ने 2019 में भी इसी मामले में अपना बयान दर्ज कराया था। दिसंबर 2020 में ईडी ने उनकी 11.86 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की थी। इस मामले में जम्मू और कश्मीर क्रिकेट संघ के पैसे को हेराफेरी कर निकाला गया और फिर एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित विभिन्न लोगों के व्यक्तिगत बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था।
ईडी ने जेकेसीए के पदाधिकारियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा 11 जुलाई 2018 को दाखिल चार्जशीट के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। एजेंसी ने आरोप है कि अब्दुल्ला ने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और खेल निकाय में नियुक्तियां कीं ताकि बीसीसीआई के पैसे को गलत तरीके से हथियाया जा सके।
ईडी ने जेकेसीए के तत्कालीन कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा को 4 सितंबर 2019 को गिरफ्तार किया था। मिर्जा के खिलाफ एक नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें सुनवाई चल रही है। ईडी का दावा है कि जो भी कार्रवाई हो रही है वो सबूतों के आधार पर की जा रही है।
उधर फारुख अब्दुल्ला का कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां विधानसभा चुनाव होने तक विपक्षी नेताओं को परेशान करती रहेंगी। उनका कहना है कि बेवजह का बखेड़ा खड़ा करके सूबे के नेताओं को परेशान किया जा रहा है जिससे उनका हौसला तोड़ा जा सके। उनका कहना है कि वो इससे डरने वाले नहीं हैं।
-एजेंसी