CBI ने रोल्स रॉयस PLC और उसके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया केस

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रोल्स रॉयस के अधिकारियों के अलावा इस मामले में भारत के अन्य अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी लोगों पर भारत सरकार के साथ धोखाधड़ी करने का भी आरोप है। CBI केस दर्ज करने के बाद इन सभी लोगों को जल्द नोटिस जारी कर पूछताछ कर सकती है।

CBI के अनुसार अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करते हुए अज्ञात पब्लिक सर्वेंट्स ने 734.21 मिलियन GBP में टोटल 24 हॉक और 115 एडवांस जेट ट्रेनर (AJT) एयरक्राफ्ट अप्रूव किए और खरीदे हैं। CBI ने 2016 में प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे बाद में नियमित मामले में बदल दिया गया था।

2003 में 66 हॉक-115 एयरक्राफ्ट की खरीद को मंजूरी मिली थी

3 सितंबर 2003 को हुई मीटिंग में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने 66 हॉक और 115 एयरक्राफ्ट की खरीद की मंजूरी दी थी। इसके अलावा लॉन्ग-टर्म प्रोडक्ट सपोर्ट के लिए भारत और ब्रिटेन की सरकारों के बीच एक इंटर-गवर्नमेंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर भी किए गए थे।

2004 में रोल्स रॉयस के साथ 2 कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए गए थे

कैबिनेट से अप्रूवल के बाद 26 मार्च 2004 को मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस और ब्रिटिश एयरोस्पेस सिस्टम्स (रोल्स रॉयस) के बीच 2 कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए गए थे। पहला कॉन्ट्रेक्ट डायरेक्ट सप्लाई और मटेरियल्स के माध्यम से 24 हॉक एयरक्राफ्ट की सप्लाई का था। दूसरा कॉन्ट्रैक्ट 42 एयरक्राफ्ट के लिए टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर का था।

भारत में बिचौलियों और टैक्स अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप

2012 में मीडिया रिपोर्टों के आधार पर UK के SFO (सीरियस फ्रॉड ऑफिस) ने रोल्स रॉयस के भारत और अन्य देशों में प्रोजेक्ट को हासिल करने में करप्ट प्रैक्टिस में शामिल होने के आरोपों की जांच शुरू की थी। UK के SFO की जांच में खुलासा हुआ था कि रोल्स रॉयस ने लाइसेंस फीस को 4 मिलियन GBP से बढ़ाकर 7.5 मिलियन GBP करने के लिए भारत के बिचौलियों को 1 मिलियन GBP की रिश्वत दी थी।

UK के SFO की जांच से यह भी पता चला था कि रोल्स रॉयस ने कंपनी के टैक्स मामलों की जांच को रोकने के लिए भारत में टैक्स अधिकारियों को भी रिश्वत दी थी। जांच में यह भी बताया गया कि MIG फाइटर एयरक्राफ्ट की खरीद के लिए रूस के साथ डिफेंस डील के संबंध में सुधीर चौधरी से जुड़ी कंपनी पोर्ट्समाउथ के नाम पर स्विस बैंक खाते में रशियन आर्म्स कंपनियों द्वारा 100 मिलियन GBP का पेमेंट किया गया था।

123 हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स एयरक्राफ्ट ऑपरेट करती है IAF

इंडियन एयर फोर्स (IAF) 123 हॉक एडवांस्ड जेट ट्रेनर्स और इंडियन नेवी 17 एयरक्राफ्ट ऑपरेट करती है। इनमें से ज्यादातर एयरक्राफ्ट्स को HAL द्वारा लाइसेंस और मैन्यूफेक्चर किया गया है।

Compiled: up18 News