व्‍यापारियों को राहत देने के लिए CAIT ने वित्त मंत्री को भेजा 18 सूत्री बजट मांग पत्र

Business

कैट के ब्रज प्रांत के संयोजक श्री अमित जैन ने कहा कि व्यापारी वर्ग कोरोना संक्रमण काल के दौरान एवं उसके बाद से कई समस्याओं से जूझ रहा है. कई मांगें अब तक लंबित है. उन मांगों को लागू करने से व्यापार हित के साथ-साथ देश का हित भी होगा. इसलिए सरकार से  कैट ने जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा करने, आयकर की कर दरों में कमी करने, रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा करने,  एक राष्ट्र-एक कर की तर्ज़ पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति लागू करने की मांग की.

बजट 2023 के लिए 18 सूत्रीय माँग में 

जीएसटी कर प्रणाली की नए सिरे से पूर्ण समीक्षा,
आयकर की कर दरों में कमी करने की घोषणा, रिटेल व्यापार पर लागू सभी कानूनों और नियमों की पूर्ण समीक्षा, एक राष्ट्र -एक कर की तर्ज़ पर एक राष्ट्र-एक लाइसेंस नीति,

व्यापारियों के लिए प्रभावी पेंशन योजना, उत्तर प्रदेश राज्य की तर्ज़ पर व्यापारियों के लिए बीमा योजना, छोटे व्यवसायों के लिए अलग क्रेडिट रेटिंग मानदंड, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा व्यापारियों को आसानी से क़र्ज़ देना, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कम्पनीज एवं माइक्रो फाइनेंस इंस्टीटूशन्स द्वारा व्यापारियों को क़र्ज़ दिलाने के लिए सक्षम बनाना,

व्यापारियों में आपसी भुगतान तथा आयकर अधिनियम की धारा 138 के तहत चेक बाउंस जैसे विवादों के लिए  फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन, स्पेशल इकनोमिक जोन की तर्ज़ पर गाँवों के निकट स्पेशल ट्रेड जोन के निर्माण की घोषणा, आंतरिक और विदेशी व्यापार दोनों को बढ़ावा देने के लिए देश और दुनिया भर में व्यापार मेलों और भारतीय उत्पादों की प्रदर्शनियों के आयोजन, व्यापारिक समुदाय के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाने और प्रोत्साहित करने के लिए अलग अलग किस्म के इंसेंटिव की घोषणा, उपभोक्ता क़ानून के अंतर्गत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करना, ई-कॉमर्स नीति की तुरंत घोषणा , ई-कॉमर्स के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी के गठन की घोषणा,  रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति की घोषणा व केंद्र और राज्यों दोनों में आंतरिक व्यापार के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा करने की मांग की है।

इससे पहले विगत दिवस श्रीमती सीतारमण को भेजे गए पत्र में कैट ने बजट में व्यापारियों के लिए समर्थन  वित्तीय नीतियों को लाने की मांग करते हुए कहा कि पिछले कई दशकों के दौरान भारत का व्यापारिक समुदाय वित्त की भारी कमी से जूझ रहा है और दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक भी देश के व्यापारियों को आसान वित्तीय सहायता देने में पूरी तरह से असमर्थ रहा है जिसके चलते देश का व्यापारी अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नही कर पा रहा है जिसका नकारात्मक प्रभाव राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।

– up18 News


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.