बजट 2023 में मिडल क्लास की बल्ले-बल्ले हो गई है। इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इनकम टैक्स स्लैब की संख्या घटाकर 5 कर दी गई है। पर्सनल इनकम पर नए टैक्स स्लैब की घोषणा करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 3 से 6 लाख रुपये सालाना आय वालों को 5% टैक्स देना होगा। 6 से 9 लाख रुपये आय पर इनकम टैक्स की दर 10% होगी। 9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये पर 15% टैक्स, 12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये 20% और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स लगेगा। इनकम टैक्स रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है।
नई कर व्यवस्था में सात लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। उन्होंने इसमें स्लैब की संख्या छह से घटाकर पांच करने की घोषणा की। अब नौ लाख रुपये तक की इनकम पर केवल 45 हजार रुपये देने होंगे। इसी तरह 15 लाख रुपये तक को 1.5 लाख रुपये इनकम टैक्स देना होगा। उन्होंने कहा की तीन से छह लाख रुपये तक टैक्स रेट 5 फीसदी होगा। छह से नौ लाख तक यह 10 फीसदी, नौ से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये तक 20 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। नौ लाख की आय वाले को 45 हजार देना होगा जो कि पांच परसेंट होगा। अभी 60 हजार देना होता है। मतलब 25 परसेंट घट जाएगा। 15 लाख आय वाले को सिर्फ 10 प्रतिशत देना होगा। पहले उसे 187000 रुपए देने होते थे। यानी अब उन्हें 20 फीसदी कम टैक्स देना होगा। न्यू टैक्स रिजीम में 15.5 लाख रुपये और उससे ज्यादा के लिए 52,500 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया गया है। अधिकतम सरचार्ज रेट 37 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि नया टैक्स रिजीम अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम होगा लेकिन टैक्सपेयर्स पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुन सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने टैक्सपेयर्स पर अनुपालन को बोझ कम किया है। एक दिन में अधिकतम 72 लाख आईटी रिटर्न भरे गए हैं।
इस साल 6.5 करोड़ आईटी रिटर्न भरे गए हैं। आईटी रिटर्न प्रोसेस करने की औसत अवधि 2013-14 में 93 दिन हुआ करती थी जो अब घटकर 16 दिन रह गई है। 45 फीसदी आईटी रिटर्न फॉर्म 24 घंटे में ही प्रोसेस किए गए हैं। सरकार एक कॉमन आईटी फॉर्म बनाने पर काम कर रही है जिससे टैक्सपेयर्स पर कंपलाएंस का बोझ और कम होगा।
टैक्सपेयर्स को थीं भारी उम्मीदें
यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी फुल बजट है। इस साल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और फिर अगले साल देश में आम चुनाव होंगे।
मंगलवार को पेश इकॉनमिक सर्वे के मुताबिक अप्रैल से नंवबर के बीच डायरेक्ट टैक्स में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही जनवरी में जीएसटी कलेक्शन 1,55,922 करोड़ रुपये रहा जो अब तक का दूसरा सबसे ज्यादा कलेक्शन है।
इस फाइनेंशियल ईयर में यह तीसरा मौका है जब जीएसटी कलेक्शन 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। यानी सरकार का खजाना भरा हुआ है और सरकार के पास टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है। नौ साल से टैक्स के मोर्चे पर कोई बदलाव नहीं हुआ है। यही वजह है कि टैक्सपेयर्स को इस बार राहत मिलने की उम्मीद थी।
इससे पहले अंतिम बार 2014 में पर्सनल टैक्स छूट की सीमा में बदलाव किया गया था। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल का पहला बजट पेश करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे दो लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। इस समय दो तरह की कर व्यवस्था हैं। सरकार ने दो साल पहले वैकल्पिक कर व्यवस्था की घोषणा की थी। लेकिन इसे ज्यादा भाव नहीं मिला। माना जा रहा था कि इसे लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार इसमें बदलाव कर सकती है।
बजट पेश करते हुए सीतारमण ने सीनियर सिटिजंस और महिलाओं को भी गुड न्यूज़ दी। वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। वहीं, महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज मिलेगा।
नया इनकम टैक्स स्लैब इस प्रकार है
सालाना इनकम टैक्स स्लैब
0 से 3 लाख रुपये 0%
3 से 6 लाख रुपये 5%
6 से 9 लाख रुपये 10%
9 से 12 लाख रुपये 15%
12 से 15 लाख रुपये 20%
15 लाख रुपये से ज्यादा 30%
7 लाख तक सालाना कमाने वालों को कोई कर नहीं देना होगा
बजट 2023 की नई कर व्यवस्था में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सात लाख रुपये की गई है। करदाताओं को राहत देते हुए सीतारमण ने कहा कि तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। महिला सम्मान बचत पत्र मार्च, 2025 तक उपलब्ध होगा, महिला या लड़की के नाम पर दो लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकेगा।
Compiled: up18 News
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