बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, अपने बलबूते लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले पर हम कायम

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मायावती ने कहा कि केंद्र और यूपी सहित विभिन्न राज्य सरकारों की संकीर्ण, जातिवादी तथा जनविरोधी नीतियों एवं कार्यप्रणाली के कारण हालात तेजी से बदल रहे हैं। लोग बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को आतुर नजर आ रहे हैं। ऐसे में लोकसभा का अगला चुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण और देशहित में होने की प्रबल संभावना है, जिसमें बसपा की भूमिका अहम होगी।

उन्होंने कहा कि भाजपा भी सपा व कांग्रेस की तरह अपने काम के बल पर जनता से वोट मांगने की स्थिति में नहीं है इसीलिए वह चुनावी स्वार्थ की राजनीति के लिए संकीर्ण, भड़काऊ एवं विभाजनकारी मुद्दों का फिर से सहारा लेगी।

बहुजन समाज को इससे सावधान रहना है। किसी के बहकावे में नहीं आना है। उनके हवा-हवाई विकास के छलावे नहीं आना है और न ही इनके किसी उन्मादी मुद्दों में संयम खोना है। इससे पूर्व मायावती ने पिछली बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों के जमीनी स्तर पर अमल की जिला व मंडलवार रिपोर्ट ली।

बैठक में मायावती ने छह दिसंबर को संविधान निर्माता भारतरत्न बाबा साहब डा. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस को पार्टी की परंपरा के अनुसार उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में मिशनरी भावना के अनुरूप आयोजित करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा कि इस बार कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है। जिसके तहत अब पश्चिमी यूपी के छह मंडलों आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ व सहारनपुर के लोग नोएडा में निर्मित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल व ग्रीन गार्डेन में सामूहिकता के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे जबकि यूपी के शेष 12 मंडलों में पार्टी के लोग लखनऊ के गोमती तट पर स्थापित डा. भीमराव आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल प्रांगण में स्थित डा. आंबेडकर स्मारक में श्रद्धांजलि देंगे।

Compiled: up18 News