मुंबई (अनिल बेदाग) : अभय देओल, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नेहा धूपिया की अदाकारी से सजी डार्क कॉमेडी, लोकप्रिय स्लीपर हिट एक चालीस की लास्ट लोकल के सीक्वल का इन्तेज़ार लंबे समय से किया जा रहा था और
आखिरकार एक ट्विस्ट के साथ अब इसके सेकेंड पार्ट के लिए आप तैयार हो जाएं। इस बार, य़ह अफरा-तफरी मुंबई की लोकल ट्रेनों में नहीं बल्कि अमेरीका के देश चिली के शानदार रात के नज़ारों के बीच होने वाली है।
ओरिजिनल कल्ट क्लासिक फिल्म के लेखक निर्देशक संजय खंडूरी ने इस ख़बर की पुष्टि की और कहा कि इसका सीक्वल बहुत बड़ा, जबर्दस्त और ग्लोबल होने वाला है। आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ 3 करोड़ रूपए के मामूली बजट मे बनी ओरिजिनल फिल्म जिस के 2 करोड़ से अधिक प्रशंसक हो गए हैं अभी तक सभी प्रारूपों में लगभग 72 करोड़ की कमाई करके सनसनी मचा दी है और इस फिल्म की कहानी बहुत अनोखी थी। मुंबई में नायक की आखिरी लोकल ट्रेन छूटने के बाद उस एक रात मे क्या क्या रोमांचक घटनाएं घटती हैं, दुनिया भर में, विशेष रूप से लैटिन अमेरिका जहाँ अधिकतर स्पेनिश बोली जाती है , में इस कहानी की खूब गूंज सुनाई दी। अब, संजय खंडूरी ने इस कहानी के प्लॉट को बदलने की योजना बनाई है: “इस बार मुंबई में नहीं बल्कि एक विदेशी धरती पर आखिरी गाड़ी छूटने पर क्या होगा, ‘चिली’ के दृश्य और वहां के सेह -अभिनय करता , कहानी में एक नया रोमांचकारी मोड़ लाएंगे.” उन्होंने कहा।
बता दें कि शुरुआत में मोरक्को मे शूटिंग की योजना रखने वाले संजय खंडूरी ने चिली सरकार द्वारा प्रायोजित पाँच दिनों के दौरे के बाद अपना प्लान बदल दिया। देश की सिनेमाई लोकेशन से मोहित होकर-अटाकामा रेगिस्तान से लेकर वालपाराइसो की पहाड़ियों और सैंटियागो की रात की धड़कन तक उन्होंने चिली देश को एक फिल्म मेकर का सपना” कहा। “ज्यादातर वाइट यूरोपीय लोगों के विपरीत, यहाँ के लोग भारतीयों जैसे हैं, उनका रंग, उनके चेहरे, काले बाल और अद्भुत मुस्कान है। यह बॉलीवुड के लिए एकदम सही है,” संजय खंडूरी ने चिली के प्राकृतिक आकर्षण और महानगरीय ऊर्जा के संगम की प्रशंसा करते हुए कहा।
चिली की “प्रोचिली” एजेंसी ने संजय खंडूरी एवं कुछ और भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए एक शानदार टूर का आयोजन किया था, जिसमें कई स्थानों को दिखाया गया:
विना डेल मार: एक खूबसूरत तटीय रत्न, मोंटे कार्लो जैसा दिखने वाला अमीर शहर है।वालपाराइसो: नीले समुद्र के किनारे एक पहाड़ी पर इंद्रधनुषी रंग के घरों वाला एक यूनेस्को-सूचीबद्ध, बेहद खूबसूरत बंदरगाह शहर।
अटाकामा रेगिस्तान: अलौकिक दिखने वाले दृश्य और सितारों से भरे दुनिया के सबसे साफ़ रात के आसमान के साथ एक तारामंडल का स्वर्ग।
सैंटियागो: गगनचुंबी इमारतों और फ्रांसीसी आकर्षण के साथ राजसी बर्फ से ढके एंडीज़ पहाड़ों को बैकड्रॉप के रूप में मिश्रित करने वाला एक अजब हलचल भरा महानगर।
चिली सरकार ने बॉलीवुड फिल्म मेकर्स को आमंत्रित करने लुभाने के लिए टैक्स छूट और लॉजिस्टिक सहायता सहित कई प्रोत्साहन की पेशकश की है। कला और संस्कृति मंत्रियों और स्थानीय अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं जैसे “फैबुला प्रोडक्शंस” (ए फैंटास्टिक वुमन) और “पैरोक्स प्रोडक्शंस” (नारकोस: मेक्सिको) से मिलने वाले संजय खंडूरी ने कहा, “चिली भारत का लैटिन अमेरिका का गेटवे बनना चाहता है।” वहां नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम जैसे प्लेटफ़ॉर्म के लिए “चिली” की तकनीकी खूबी के साथ बॉलीवुड की कहानी कहने की कला को मिलाने पर चर्चा हुई।
सीक्वल का ‘चिली’ में जाना कोई इत्तेफाक की बात नहीं है। पहली फिल्म ‘एक चालीस की लास्ट लोकल को वहीँ ‘मेक्सिको’ में बेपनाह प्रसिद्धि मिली, वहाँ कई पुरस्कार जीते और संजय खंडूरी का लक्ष्य संबंधों को गहरा करना है। “चिली के युवा बॉलीवुड संगीत और डांस को पसंद करते हैं. मैं हैरान हूं कि वो जब हम से मिले तो फिल्म का गाना “क्या हुआ जो लारी छूटी सुनाने लगे।” उन्होंने हंसते हुए फिल्म के इस सुपरहिट गीत का जिक्र किया, जिस एक गाने ने ही उनकी फिल्म के बजट की भरपाई कर दी थी।
‘सत्या’, ‘अंदाज़ अपना अपना’ जैसी कल्ट बॉलीवुड क्लासिक्स को फिर से रिलीज़ करने के चलन के इस दौर मे प्रशंसकों को उम्मीद है कि ‘एक चालीस की लास्ट लोकल’ अपने सीक्वल के बड़े पर्दे पर आने से पहले सिनेमाघरों में दोबारा रिलीज होगी। फिल्म की अनोखी कहानी, डार्क ह्यूमर और रोमांच ने रिलीज़ के बाद इसे फैंस दिलाए थे। एक्स (पहले ट्विटर) पर एक प्रशंसक ने कहा, “फिर से फिल्म रिलीज होने से जेन वाई (नई पीढ़ी) को य़ह अद्भुत फिल्म फिर से देखने को मिल जाएगी।” संजय खण्डूरी ने इस उम्मीद से इंकार नहीं किया “देखते हैं – फिलहाल, स्क्रिप्ट को रीलोड यानी फिर से लिखा जा रहा है और चिली बुला रहा है।”
बॉलीवुड की नज़र अब वैश्विक आसमान पर है, ‘एक चालीस की लास्ट लोकल रीलोडेड’ एक नए बॉलीवुड-लैटिन सिनेमाई युग की शुरुआत का संकेत हो सकती है
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