गाज़ियाबाद: अपनों के अहम की लड़ाई में भारत रत्न अटल चौक की दुर्दशा पर बंद है भाजपा की आँखे

अन्तर्द्वन्द

ट्रिपल इंजन की सरकार में भी अपने नेता को सम्मान नही दे पा रहा महानगर भाजपा

नगर निगम चुनावों में विपक्ष और निर्दलीय बना रहे इसे मुद्दा

भाजपा के तीन धरोधर अटल, आडवाणी, मुरली मनोहर इस नारे की अब कोई कार्यकर्ता बात नही करता । नरेन्द्र मोदी ,अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ले पोस्टरों में इनकी जगह अब छोटी होती जा रही है। इसी क्रम में गाज़ियाबाद जनपद के सबसे हॉट सिटी वसुधंरा में स्थित अटल चौक को भी भाजपा महानगर संगठन और शासन भुला बैठा है। कभी इसी अटल चौक से प्रत्याशियो की रैली इकट्ठी होती और सम्पन्न होती । जो आजकल बैंकेट हॉल में होने लगी है।

पिछले बार जब अटल चौक दुर्दशा की बात भाजपा के नेताओं से की गई तो सभी कन्नी काट गए । पुराने समय से भाजपा पार्षद और निवर्तमान में अपने बहु को अपने सीट से लड़ा रहे वार्ड 61 के पार्षद रहे महेंद्र चौधरी तो नाम कुछ भी कहने से मना कर दिया । जबकि खुद उनके द्वारा वर्ष 2014-2015 में अपने निधि से इसका पुनर्निर्माण के विकास कार्य अपने निधि स्वयं की निधि करवाये । जिसका बकायदा शिलापट्ट तक चौक पर लगवाया गया ।

भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपई की मृत्यु के बाद इस चौक के विकास और अटल प्रतिमा की बात शुरू हुई और फिर इस चौक पर एक बार फिर विकास की कहानी शुरू हुई । जहाँ पार्षद महेंद्र चौधरी की उपस्थिति कार्य के श्रेय से जोड़कर देखे जाने लगी । चौक के चारो तरफ पिलर और दीवार खड़ी होने लगी । अटल चौक लिखी शिलापट्ट को हटाकर नीचे रख दिया गया । कार्य तेजी से बढ़ रहा था ।अचानक फिर कार्य रुक गया । आज साल भर से अटल चौक छिन्न भिन्न स्थिति में पड़ा है। जबकि उसके बाद नगर में कई चौक चौराहे सजे और सवारे गए ।लेकिन अटल चौक को लेकर भाजपा की उदासीनता और उपेक्षा बढ़ती रही। जबकि केन्द्र ,राज्य और निगम ट्रिपल इंजन की सरकार चल रही।

अटल चौक के दुर्दशा के पीछे खुद भाजपा के अंदरूनी लड़ाई बताई जा रही है । एक वर्ग जहां पार्षद महेंद्र चौधरी के अटल चौक पर प्रभुत्व को स्वीकार्य नही कर रहा तो अन्य इसे राजनितिक ततूल देकर विषम स्थिति पैदा कर दी है।

साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा इसके विकास में कानूनी अड़चन बता इसके लिए प्रदेश सरकार के पास निगम के प्रस्ताव लंबित होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं । जबकि हक़ीक़त यह है कि खुद यह कई चौकों पर हर वर्ष माल्यर्पण और कार्यक्रम खुद करते नज़र आते हैं। नगर भाजपा मंडल से लेकर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा तक अटल चौक की दुर्दशा पर कुछ भी कहने की स्थिति में।नही है।

पूर्व नगर निगम गाज़ियाबाद आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर और भाजपा महापौर आशा शर्मा कार्यकाल में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज चौक का उद्घाटन 2021 को हुआ । जिसमें भी पार्षद महेंद्र चौधरी की भूमिका अग्रणी रही। यहां लगे शिला पट्टिका से लगता है कि नगर निगम द्वारा इसका निर्माण हुआ है लेकिन इसकी वास्तविकता क्या है कोई नही जानता । समाज के द्वारा चौक की माँग लगातार की जा रही थी । जो उद्घाटन के बाद पूर्ण हो गयी।

अब आते है प्रसिद्ध बुद्ध चौक पर जहाँ महात्मा बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है। जिसका लोकार्पण तत्कालीन बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा किया गया ।

अब आते है इंदिरापुरम कोतवाली के ठीक सामने स्थित भगवान महावीर चौक पर जहां समाज द्वारा अपने समाज की पहचान के तहत कीर्ति स्तम्भ 2015 में स्थापित हुई ।
अब आगे बढ़ते हैं किसान चौक जहाँ जाट समाज द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा स्थापित हुई है।

अब आगे आते हैं सेक्टर 11 और 12 को जोड़ने वाले भगवान परशुराम चौक आते हैं । जहाँ ब्राह्मण समाज द्वारा भगवान की आदमकद की प्रतिमा स्थापित करके हर वर्ष जयंती सहित कार्यक्रम होते हैं।

अब अटल चौक पर साहिबाबाद विधायक द्वारा कानूनी अड़चन का सवाल उठाना कहाँ तक न्यायोचित है।उसका जबाव जनता खुद उनसे पूछ रही है। भारत रत्न अटल विहारी बाजपेयी के जीवन काल मे ही इस चौक की स्थापना हुई। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की सरकारों में भी इसका अस्तित्व बरकरार रहा । 2015 में समाजवादी पार्टी के राज्य सरकार और नगर निगम में महापौर तेलूराम कंबोज की सरकार में इसका विकास और सुंदरीकरण हुआ । लेकिन आज केन्द्र से लेकर निगम तक भाजपा की सरकार के बावजूद विश्व भर में चर्चित और भाजपा के हर नेता के कार्यालय और घरों में अटल जी के चित्र भले स्थापित हो लेकिन उनके नाम पर रखे चौक की दुर्दशा पर सबकी आँखे बंद है। जनता के प्रबुद्ध वर्ग इसे चिंतन का विषय तो बनाया है और नगर निकाय चुनावों में इसे मुद्दा बनाकर भाजपा प्रत्याशी से सवाल पूछने की भी बात शुरू की गई है।

-शैलेश पाण्डेय


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