भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आरएसएस को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि पार्टी लगातार बढ़ रही है और अब यह उस स्थिति से विकसित हो चुकी है, जहां उसे आरएसएस की जरूरत थी. अब बीजेपी अपने दम पर सक्षम है और अपना काम खुद चलाती है. उन्होंने कहा कि आरएसएस एक वैचारिक मोर्चा है.
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में नड्डा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और मौजूदा समय में काफी कुछ बदल चुका है. इसी कड़ी में आरएसएस की उपस्थिति भी बदल गई है. पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे. हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं.
वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं और हम अपना
जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है. इस पर नड्डा ने कहा, “देखिए, पार्टी बड़ी हो गई है और सभी को अपने-अपने कर्तव्य के साथ भूमिकाएं मिल चुकी हैं.
आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं. यह जरूरत का सवाल नहीं है. यह एक वैचारिक मोर्चा है. वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं और हम अपना. हम अपने मामलों को अपने तरीके से मैनेज कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए.
मथुरा और वाराणसी पर भी की खुलकर बात
इसके अलावा जेपी नड्डा ने मथुरा और वाराणसी पर भी बात की. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि भाजपा की मथुरा और काशी में विवादित स्थलों पर मंदिर बनाने की कोई योजना है. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसा कोई विचार, योजना या इच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का सिस्टम इस तरह से काम करता है कि पार्टी की विचार प्रक्रिया संसदीय बोर्ड में चर्चा से तय होती है, फिर यह राष्ट्रीय परिषद के पास जाती है जो इसका समर्थन करती है.
फिलहाल पार्टी के लिए ये है प्राथमिकता
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि पार्टी का ध्यान गरीबों, शोषितों, दलितों, महिलाओं, युवाओं, किसानों और समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों पर होगा. इन वर्गों को मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए और सशक्त बनाया जाना चाहिए. हमें उन्हें मजबूत करना होगा.”
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