बड़ी खबर: म्यांमार में साइबर गुलामी कर रहे 500 से अधिक भारतीय IT प्रोफेशनल्स

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भारत सरकार ने अलग-अलग माध्यमों के जरिए उन्हें छुड़ाने की कोशिशें कीं। 32 भारतीयों को छुड़ाया जा चुका है। उनसे पता चला है कि युवा IT पेशेवरों को मोटी सैलरी का झांसा देकर फंसाया जाता है।

म्यांमार से धोखाधड़ी का इंटरनेशनल रैकेट चल रहा

म्यांमार के जिन इलाकों में बंधक रखे जाते हैं, वहां माफिया के साथ-साथ चीनी फौज की भी दखलंदाजी रहती है। पेशेवरों को डिजिटल फ्रॉड के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। बंधकों को क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी गतिविधियों में भी लगाया गया है। बंधकों के दम पर ही म्यांमार से धोखाधड़ी का इंटरनेशनल रैकेट चल रहा है। यहीं से दुनियाभर के लोगों से साइबर ठगी की जा रही है।

सोशल मीडिया पर विज्ञापनों के जरिए फंसाए गए

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया- हम म्यांमार सरकार से जानकारी हासिल करने की कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन सूचना किसी तीसरे सोर्स से ही मिल पा रही है। बंधकों को छोड़ने के लिए भारी रकम वसूली जा रही है। फिरौती क्रिप्टोकरंसी में ली जा रही है। छुड़ाकर लाए गए भारतीयों ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर संपर्क किया था।

ये विज्ञापन सिर्फ भारत नहीं, दुबई और बैंकॉक से भी पोस्ट किए जाते हैं। इन्हें थाईलैंड में मोटी सैलरी का लालच देकर बुलाया जाता है। थाईलैंड पहुंचने के बाद एयरपोर्ट से ही म्यांमार के गुमनाम इलाकों में ले जाया जाता है। पासपोर्ट समेत सभी जरूरी दस्तावेज छीन लिए जाते हैं।

-एजेंसी