द्वारका एक्सप्रेसवे निर्माण लागत पर कैग ने अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाया है। कैग का कहना है कि दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस का निर्माण लागत स्वीकृत राशि से 14 गुना ज्यादा है
दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने वाले द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में बड़े गड़बड़झाला का खुलासा है। ये खुलासा ऑडिटर कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की रिपोर्ट से हुआ है। CAG की रिपोर्ट के मुताबिक 29.06 किलोमीटर लंबे द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण में लागत को बहुत बताया गया है।
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की ओर से द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण 18.20 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर अनुमोदित किया गया था, लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 250.77 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर की दर से निर्माता कंपनी को लागत राशि की मंजूरी दी गई। यानी CCEA की ओर से स्वीकृत राशि से 14 गुना ज्यादा हो गई।
14 लेन वाले द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण दिल्ली से गुरुग्राम को जोड़ने के लिए किया गया है। इसके तहत दिल्ली और गुरुग्राम के बीच नेशनल हाईवे 48 (NH 48) के सामानांतर विकसित किया गया है। ताकि नेशनल हाईवे पर भीड़ को कम किया जा सके।
इसके साथ ही कैग ने अपनी रिपोर्ट में भारत माला परियोजना के तहत बन रहे सकड़ों के स्वीकृत और लागत राशि पर भी सवाल उठाया है।
Compiled: up18 News