हरियाणा में AAP को बड़ा झटका, अशोक तंवर ने केजरीवाल को भेजा अपना इस्तीफा

Politics

कांग्रेस छोड़कर 6 महीने ही टीएमसी में टिके

अशोक तंवर किसी जमाने में राहुल गांधी के खास माने जाते थे। उन्हें कांग्रेस के दलित नेता का चेहरा माना जाता था। तंवर को हरियाणा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री दीपेंद्र सिंह हुड्डा गुट का विरोध झेलना पड़ा था। इससे नाराज होकर 2019 में उन्होंने कांग्रेस छोड़कर टीएमसी का दामन थाम लिया था। तंवर ममता बनर्जी की टीएमसी में सिर्फ 6 महीने ही टिके, फिर उन्होंने पार्टी बदल ली। वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने हरियाणा में आप के स्टाइल में ही खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया। बताया जा रहा है कि बीजेपी उन्हें सिरसा से टिकट दे सकती है, जहां से अभी भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल हैं।

सुरक्षित सीट से बीजेपी दे सकती है टिकट

हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटें हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बाद यहां की सीटें कांग्रेस और आप के बीच बराबर-बराबर बांटी जा सकती है। इस समीकरण से कांग्रेस और आप के खाते में 5-5 सीटें आएंगी। सिरसा और अंबाला एससी कैटिगरी के लिए रिजर्व है। अशोक तंवर दलित नेता हैं, इसलिए माना जा रहा है कि बीजेपी इन्हें सुरक्षित सीटों से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। पिछले दिनों सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल ने बीजेपी के हरियाणा प्रभारी विप्लव दास गुप्ता से मिलकर अशोक तंवर के बीजेपी जॉइन करने पर आपत्ति दर्ज कराई थी। पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 सीटें जीती थीं।

-एजेंसी


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