पाकिस्तान में चुनाव से ठीक पहले खैरात बांटने में जुटे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने बड़ा एक्शन लिया है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को बिना अनुमति के सब्सिडी देने पर रोक लगा दी है।
आईएमएफ ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान की सरकार बिना उसकी पूर्व अनुमति के कोई भी सब्सिडी नहीं मुहैया कराएगी। आईएमएफ ने यह चेतावनी ऐसे समय पर दी है जब पाकिस्तान सरकार और वैश्विक एजेंसी के बीच में ताजा लोन देने को लेकर कोई भी सहमति नहीं बन पा रही है।
पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच में गत जनवरी महीने से ही एक समझौते को लेकर बातचीत चल रही है।
पाकिस्तान चाहता है कि आईएमएफ उसे 1.1 अरब डॉलर लोन की ताजा किश्त दे दे। पाकिस्तान का दावा है कि उसने आईएमएफ की सभी शर्तों को पूरा कर दिया है लेकिन वैश्विक एजेंसी का कहना है कि पाकिस्तान अपना वादा पूरा नहीं कर रहा है। दरअसल, आईएमएफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मार्च में आई तेल पर सब्सिडी देने की योजना से भड़का हुआ है।
आईएमएफ पाकिस्तान की इस आदत से भड़का
इमरान खान की चुनौती का सामना कर रहे शहबाज शरीफ ने चुनाव से ठीक पहले गरीबों को तेल पर सब्सिडी देने का ऐलान कर दिया। शहबाज ने दावा किया कि गरीब महंगाई से परेशान हैं और उन्हें सब्सिडी से राहत मिलेगी। वहीं आईएमएफ कर्ज लेकर घी पीने की पाकिस्तान की आदत से भड़क गया। यही वजह है कि पाकिस्तान को मिलने वाली कर्ज की ताजा किश्त फंस गई है। अब पाकिस्तान की सरकार अमेरिका से गिड़गिड़ा रही है कि वह आईएमएफ से कर्ज दिलाने में मदद करे।
शहबाज सरकार के सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच एक सहमति है कि इस्लामाबाद किसी भी तरह की अतिरिक्त सब्सिडी अब बिना उसकी अनुमति के जनता को नहीं देगा। आईएमएफ ने पाकिस्तान को अपने मित्र देशों सऊदी अरब, यूएई और अन्य से 5 अरब डॉलर जुटाने के लिए कहा था। सऊदी ने 2 अरब डॉलर और यूएई ने 1 अरब डॉलर देने का ऐलान किया है।
पाकिस्तान को परख रहा आईएमएफ
पाकिस्तान के धोखेबाजी की वजह से अब आईएमएफ एक-एक डॉलर देने से पहले फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पाकिस्तान का अगर आईएमएफ से कर्ज प्रोग्राम बहाल नहीं होता है तो उसका डिफॉल्ट होना तय माना जा रहा है। वहीं आईएमएफ के इस ताजा कदम से शहबाज शरीफ को चुनाव में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
Compiled: up18 News