पश्चिम बंगाल में भाजपा और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने एक बार फिर चुनाव से पहले टीएमसी पर हिंसा फैलाने के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को एक चिट्ठी लिख कर मांग की है कि पंचायत चुनाव के दौरान राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती कराई जाए ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें।
कांग्रेस सांसद ने टीएमसी पर खून की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में मुर्शीदाबाद के खारग्राम में एक सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या हो गई थी। यह पंचायचत चुनाव के मद्देनजर ही हुआ। जिस व्यक्ति पर हत्या का आरोप था, उसे खारग्राम प्रशासन की ओर से सुरक्षा मिली थी, जिसके बाद इस हत्या को अंजाम दिया गया। हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
मुर्शीदाबाद पहुंचे चौधरी ने पूछा- टीएमसी आखिर चाहती क्या है, बुलेट इलेक्शन (गोली से चुनाव) या बैलट इलेक्शन (मतपत्र से चुनाव)। हम टीएमसी को खून की राजनीति नहीं करने देंगे।
अधीर रंजन की चिट्ठी में क्या?
कांग्रेस सांसद ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को जो चिट्ठी लिखी है उसमें कहा गया है कि मौजूदा समय में बंगाल में जंगलराज चल रहा है, जिसमें सत्तासीन पार्टी के कार्यकर्ता विपक्षी कार्यकर्ताओं का शैतानों की तरह शिकार कर रहे हैं। राज्य के हर गली-नुक्कड़ में अव्यवस्था का राज है। लोकतंत्र के आदर्शों को सत्ता पर काबिज पार्टी द्वारा कब्र में दफना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में हमें डर है कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराना एक दूर की कौड़ी ही रह जाएगा। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इन चुनावों को केंद्रीय सुरक्षाबलों की निगरानी में कराया जाए। इस मामले में आपकी ओर से कदम उठाया जाना अपेक्षित है।
भाजपा नेता की चिट्ठी में क्या?
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और सांसद, डॉ सुकांत मजुमदार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए आगामी पंचायत चुनावों के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मुलाकात भी की।
सुकांत मजूमदार ने लगाया आरोप
सुकांत मजूमदार ने कहा कि कल एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने सवाल किया कि अगर पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था बरकरार है, तो चुनाव नजदीक आने पर हत्याएं क्यों होती हैं? हमने पंचायत चुनाव के दौरान केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए राज्यपाल से अनुरोध किया है। हमने यह भी अनुरोध किया है कि चुनाव ड्यूटी पर किसी भी संविदा कर्मचारी को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और हमने मतदान केंद्रों के साथ-साथ मतगणना हॉल में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है।
एसईसी ने राज्यपाल से मुलाकात की
इस बीच, राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की। उन्होंने राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने की तारीख बढ़ाने की मांगों पर आयोग का रुख साफ किया है। साथ ही उन्होंने राज्यपाल को इस बाबत उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया है।
अधिकारियों ने इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले हिंसा के आरोपों का ब्योरा मांगा। साथ ही यह भी पूछा कि क्या एसईसी ने मतदान प्रक्रिया का प्रबंधन करने के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने पर विचार किया था।
इससे पहले शुक्रवार को राज्य चुनाव आयोग ने कहा था कि वह 8 जुलाई को होने वाले बंगाल पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने पर विचार कर सकता है।
Compiled: up18 News
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