बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने किया ‘बलरामपुर बायोयुग’ का शुभारंभ, CM देवेंद्र फडणवीस रहे उपस्थित

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मुंबई (अनिल बेदाग) : महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने औपचारिक रूप से भारत के पहले पॉली लैक्टिक एसिड (PLA) ब्रांड ‘बलरामपुर बायोयुग’ का शुभारंभ किया, जिसका उत्पादन बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड  द्वारा किया जाएगा। यह अवसर भारत की सतत नवाचार यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि का प्रतीक बना। मुंबई के जिओ वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में, बायोपॉलीमर निर्माण एवं सतत औद्योगिक प्रथाओं के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी प्रगति का उत्सव मनाने हेतु पूरे मूल्य श्रृंखला के विविध हितधारक एकत्र हुए।

दीप प्रज्वलन समारोह में श्री शरद पवार, सांसद; सुश्री अवंतिका सराओगी, कार्यकारी निदेशक, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड; श्री विवेक सराओगी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड; श्री मनोज कुमार सिंह (आईएएस), मुख्य सचिव एवं औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास आयुक्त (आईआईडीसी), उत्तर प्रदेश; श्री स्टीफन बारोट, अध्यक्ष – रसायन विभाग, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

‘बलरामपुर बायोयुग’ के शुभारंभ के साथ ही ‘बायोयुग ऑन व्हील्स’ नामक एक अनूठी मोबाइल पहल की भी शुरुआत की गई, जो पीएलए – एक जैव-आधारित, पर्यावरण-अनुकूल विकल्प – की परिवर्तनकारी संभावनाओं को दर्शाने हेतु तैयार की गई है। यह मोबाइल यूनिट लोगों को सतत जीवनशैली की ओर प्रेरित करने के लिए एक ज्ञानवर्धक, अनुभवात्मक यात्रा प्रदान करती है। लाइव डेमो, इंटरएक्टिव प्रदर्शनियों एवं पैकेजिंग व उपभोक्ता उत्पादों में पीएलए के वास्तविक अनुप्रयोगों के माध्यम से यह पहल समुदायों और हितधारकों तक इसकी उपयोगिता को सीधे पहुँचाती है। बायोयुग के व्यवसाय विकास दल द्वारा समर्थित यह पहल आम जनता एवं व्यवसायों को सीधे संवाद करने, जिज्ञासाएं साझा करने और अपने सतत विकास लक्ष्यों में बायोयुग की नवाचारों की भूमिका को समझने का अवसर देती है।

बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री विवेक सारावगी ने कहा, “हम माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी की उपस्थिति से अत्यंत सम्मानित हैं। यह हमारे सतत विकास पथ का एक ऐतिहासिक क्षण है। हमारी यह पहल माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रस्तुत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के विज़न के अनुरूप है।  इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश सरकार की पहली जैव-प्लास्टिक नीति के आगमन से हमें इस क्षेत्र में आत्मविश्वासपूर्वक प्रवेश करने की प्रेरणा मिली, जो सतत विकास और राष्ट्रीय पर्यावरणीय लक्ष्यों के साथ हमारी वृद्धि को सुसंगत बनाता है।

श्री विवेक सारावगी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने कहा:“बलरामपुर बायोयुग केवल एक ब्रांड नहीं, बल्कि सतत सामग्रियों में क्रांति की शुरुआत है। हमारा PLA उपक्रम नवाचार, पर्यावरणीय प्रतिबद्धता और भारत के हरित भविष्य के प्रति हमारी आस्था का प्रतीक है।”

सुश्री अवंतिका सारावगी, कार्यकारी निदेशक, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने कहा:“आज हमने केवल एक ब्रांड का अनावरण नहीं किया, बल्कि एक परिवर्तनकारी आंदोलन की शुरुआत की है। ‘बायोयुग’, जिसका अर्थ है ‘जैव-परिपथीयता का युग’, भारत की जैव-आधारित, निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम में एक मील का पत्थर है। ‘बायो’ दर्शाता है कि हम कैसे PLA जैसी सतत, पौधों से प्राप्त सामग्रियों को अपना रहे हैं और भारत की कृषि मूल्य श्रृंखला, विशेषकर उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के साथ एकीकृत हो रहे हैं। ‘युग’, संस्कृत से लिया गया शब्द, पारिस्थितिकीय उत्तरदायित्व और परिपथीय सोच पर आधारित एक नए युग की ओर संकेत करता है।

हम माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत और हरित विकास के विज़न से गहराई से प्रेरित हैं। बायोई3 (BioE3) जैसी दूरदर्शी नीतियाँ भारत को जैव-अर्थव्यवस्था और हरित नवाचार के पथ पर आगे बढ़ा रही हैं। बलरामपुर बायोयुग इस ‘विकसित भारत’ की संकल्पना से गहरे रूप से जुड़ा है। इसकी आधारशिला माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा उत्तर प्रदेश में रखी गई थी और इसका औपचारिक शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस जी ने महाराष्ट्र में किया — दो ऐसे राज्य जो भारत की PLA क्रांति के अग्रदूत बन सकते हैं।

महाराष्ट्र, जहां गन्ने का उत्पादन भी प्रचुर मात्रा में होता है और जो औद्योगिक अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ है, देश का अग्रणी जैव-प्लास्टिक बाज़ार बनने की क्षमता रखता है। मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री फडणवीस जी तथा सभी हितधारकों से विनम्र अनुरोध करती हूँ कि वे एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) — जो नवाचार की रीढ़ हैं — को नीति प्रोत्साहन, नियामकीय समर्थन और जागरूकता अभियान के ज़रिए सशक्त करें। हम सब मिलकर पारंपरिक, जीवाश्म-आधारित प्रदूषण से पौधों पर आधारित प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं।

‘बायोयुग ऑन व्हील्स’ के माध्यम से हमारा उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, अपनाने की गति को तेज़ करना और देशभर में स्थायी व्यवहार परिवर्तन को प्रोत्साहित करना है। बलरामपुर बायोयुग का मूल उद्देश्य भारत की हरित परिवर्तन यात्रा को गति देना है — अधिशेष बायोमास का उपयोग कर कम-कार्बन नवाचार को बढ़ावा देना, जिससे न केवल पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को, बल्कि विशेषकर हमारे किसानों को भी लाभ मिल सके।”

श्री स्टीफन बारोट, अध्यक्ष – केमिकल्स डिविजन, बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड ने कहा: “बलरामपुर बायोयुग के शुभारंभ के साथ, हम BCML की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई की घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं, जो भारत का पहला औद्योगिक स्तर का PLA बायोपॉलीमर संयंत्र स्थापित करेगी — यह हमारे दीर्घकालिक सतत विकास एजेंडे में एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही यह वैश्विक स्तर पर नए मानक भी स्थापित करेगा।

यह संयंत्र विश्व का पहला ऐसा केंद्र होगा जो गन्ने को पूरी तरह से PLA में परिवर्तित करने की संपूर्ण प्रक्रिया को एक ही स्थान पर, पूरी तरह नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित करते हुए संपन्न करेगा। यह संयंत्र सतत संसाधन प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है, और दिखाता है कि जैव-आधारित सामग्रियों को बड़े स्तर पर कैसे उत्पादित किया जा सकता है।

वार्षिक 80,000 टन की उत्पादन क्षमता के साथ, बलरामपुर बायोयुग 100% जैव-आधारित, औद्योगिक रूप से कम्पोस्टेबल PLA का उत्पादन करेगा — जो वैश्विक प्लास्टिक संकट के लिए एक विश्वसनीय और व्यापक समाधान प्रदान करेगा। PLA, जो नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त एक बहुउपयोगी पॉलिमर है, में आवश्यक यांत्रिक शक्ति और टिकाऊपन मौजूद है, जिससे यह परफॉर्मेंस या सुरक्षा से कोई समझौता किए बिना प्लास्टिक के प्रतिबंधित उपयोग जैसे स्ट्रॉ, डिस्पोजेबल चम्मच-कांटे, ट्रे, बोतलें, दही के कप आदि के लिए आदर्श विकल्प बन जाता है।

समूचे पारिस्थितिकी तंत्र में व्यापक जागरूकता और सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए, इस शुभारंभ समारोह में कई विचारोत्तेजक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें भाग लेने वाले हितधारकों ने अपनाने की दिशा, बाज़ार की तत्परता, और मूल्य श्रृंखला के समन्वयन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की। यह शुभारंभ केवल सतत उत्पादन की दिशा में एक निर्णायक कदम नहीं है, बल्कि यह भारत में सामग्री नवाचार की ओर सोचने के तरीके में एक ऐतिहासिक परिवर्तन का संकेत भी है — एक परिपथीय, स्वच्छ और हरित भविष्य के लिए।

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