अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार भगवान राम के आगमन पर दीपोत्सव मनाया गया। रामकी पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल पर 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाए गए। वहीं, 1 हजार 121 लोगों ने एक साथ सरयू आरती कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इस तरह से रामनगरी एक आयोजन में एक साथ दो विश्व कीर्तिमानों की साक्षी बनी। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें रोशनी और चमक का अद्भुत संगम देखने को मिला।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ पहला दीया जलाकर किया था। उनके साथ प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक और केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। दीपोत्सव में भगवान राम की महिमा का प्रदर्शन करने वाली भव्य झांकियां निकाली गई। इसके अलावा कलाकारों ने नृत्य भी प्रस्तुत किया।
अयोध्या में दीप प्रज्ज्वलन का नियत समय शुरू होते ही श्री राम जय राम जय जय राम के जयघोष के साथ एक-एक कर 25 लाख 12 हजार 585 दीप जलाए गए। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा कीर्तिमान रचने की घोषणा के साथ ही पूरी अयोध्या जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि की ओर से ड्रोन की गणना के उपरांत यह जानकारी दी गई।
इसके पहले केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और महाआरती के संयोजक महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी की मौजूदगी में 1600 साधु-संत, वेदाचार्य व अर्चकों ने पुण्य सलिला सरयू की महाआरती की।
अयोध्या में दीपोत्सव के बाद लेजर लाइट शो का आयोजन किया गया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इसमें रोशनी और चमक का अद्भुत संगम देखने को मिला। दीपोत्सव में लेजर लाइट का शो देखने लायक था, सरयू तट पर हो रहा यह आयोजन 5 किमी की दूरी से भी साफ नजर आ रहा था।
इसमें 1121 बटुकों ने एक साथ सरयू आरती कर विश्व कीर्तिमान रचा। इसकी घोषणा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने की है। सरयू तट पर 16 खंडों में बंटे अर्चकों ने एक साथ मोक्षदायिनी की आरती कर इतिहास रचा। प्रत्येक खंड में एक मुख्य अर्चक रहा और 100-100 की संख्या में भक्त आरती करते दिखे।एक रंग के परिधान पीली साड़ी पहने 500 से अधिक महिलाएं भी महाआरती में शामिल होकर विश्व रिकॉर्ड की साक्षी बनीं। महाआरती से डेढ़ किलोमीटर परिधि का सरयू तट दिव्य आभा से प्रकाशमान हो उठा।
शाम को छह बजकर 20 मिनट पर पुण्य सलिला सरयू की महाआरती शुरू हुई। सरयू आरती में लगभग आधे घंटे का समय लगा। उसके बाद दीप प्रज्वलन शुरू हुआ। दीपों का महाकुंभ व सरयू की महाआरती दोनों विश्व रिकॉर्ड एक ही आयोजन में एक घंटे के अंदर बने।
यूं तो दीपोत्सव वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान पहले ही बना चुका है, बुधवार को एक साथ दो विश्व कीर्तिमान गढ़ कर पूरे विश्व में अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक आयोजन बना है।
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